II श्री शनी देवाय नमः II-शनिदेव भजन-द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे

Started by Atul Kaviraje, June 04, 2022, 12:54:36 AM

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Atul Kaviraje

                                      II श्री शनी देवाय नमः II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शनिवार. श्री शनी देवाचा वार. आज ऐकुया, शनिदेवाचे भक्ती-भजन . या भक्ती-भजनIचे बोल आहेत - "द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे"

     द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे Dwar Khadi Shanidev Tumhare शनि देव हिंदी भजन लिरिक्स Sung By : Tara Devi This version of song is written by Sukhdev Nishad द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे Dwar Khadi Shanidev Tumhare शनि देव हिंदी भजन लिरिक्स Publisher : Ambey Bhakti It is written very beautifully, if you like this song, then share it with others, share it with your friends or Facebook or Whatsapp and give us support.

     Songs Info : बहुत ही सुन्दर गाना हैं द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे Dwar Khadi Shanidev Tumhare शनि देव हिंदी भजन लिरिक्स | द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे Dwar Khadi Shanidev Tumhare शनि देव हिंदी भजन लिरिक्स जिसे लिखा हैं Sukhdev Nishad और गया हैं Tara Devi बहुत ही सुन्दर तरह से लिखा गया हैं अगर ये गाना आपको अच्छा लगा तो दुसरो के साथ भी शेयर करे अपने दोस्तों या Facebook या Whatsapp पर शेयर करे और हमें सहयोग प्रदान करे .


                                       शनिदेव भजन
                                 "द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे"
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द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे किरपा करो शनि दया करो,
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो,
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे .....

तुम्हे मालुम सभी कुछ घेर खड़े है गम कितने,
तुम से नही तो किस से कहे लाचार बड़े है हम कितने,
तुम से है ये बिनती मेरी छमा करो अप्राद मेरे,
भीड़ दुखो की घेरे खड़ी है कोई नही है साथ मेरे,
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो,
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे .....

दुनिया की क्या बात करू मैं परछाई भी दुश्मन है,
राहे हो गई अंगारों सी आग में जलता जीवन है,
हाथ धरो मेरे सिर के ऊपर शीतल सी छाया करदो,
हो जाए दुःख दूर हमारे तुम ऐसी माया करदो,
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो,
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे .....

कब काटो गी देव हमारी किस्मत की जनजीरो को,
रंग दो खुशियों से हाथो की इन बेरंग लकीरों को,
नया करा है न्याए देवता दर दर की ठुकराई हु,
नये मिलेगा यही सोच के द्वार तुम्हारे आई हु,
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो,
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे .....

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गायिका : तारा  देवी
गीतकार  : सुखदेव  निषाद
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                        (साभार आणि सौजन्य-शनिदेव हिंदी भजन)
                                    (संदर्भ-भक्तिगाने.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.06.2022-शनिवार.