वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-19-तेज़ बारिश

Started by Atul Kaviraje, August 11, 2022, 12:57:31 AM

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Atul Kaviraje

                                      "वर्षा ऋतु कविता"
                                       कविता-पुष्प-19
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते-तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                        "तेज़ बारिश"
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बारिश में केवल पानी नहीं
प्रेम भी बरसता है आकाश से

प्रेमोत्सव के लिए धरती
पहन लेती है हरी चूनर
पक्षी चटक रंग के कपडे
खुशी से फूल उठते है
गर्व से गौरवान्वित बीज

अनजाने ही
प्रत्येक धमनी में
बह उठता है
हारमोनों का ज्वार
डूबता-उतराता है मन
प्रेम के लिए व्याकुल प्राण
प्रेम ही मांगते है
जींवन उसकी विराट जिजीविषा में
मानता नहीं कोई बंधन
फैलता ही जाता है

ब्रह्म को विस्तीर्ण होने की
जीतनी गहरी अभिलाषा होती है
उस साल उतनी तेज़ बारिश होती है

--कुमार सुरेश
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                                  (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                       (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.08.2022-गुरुवार.