निबंध-क्रमांक-18-सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) का महत्व

Started by Atul Kaviraje, September 16, 2022, 10:41:42 AM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                      क्रमांक-18
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) का महत्व "

            सौर ऊर्जा तकनीक (Solar energy technology )-:--

     सौर  ऊर्जा,  सौर  विकिरणों  एवं  सूर्य  के  ताप   के  प्रयोग  द्वारा  एक  विकसित  तकनीक  हैं.  इसके  और  भी  रूप हैं,  जैसे -:  सौर  ताप,  सौर  विकिरण  और  कृत्रिम  प्रकाश  संश्लेषण,  आदि.

    भारत में सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ (Saur urja benefits in india) –:--

     सौर  ऊर्जा  से  होने  वाले  फायदों  के  कारण  यह  और  भी  अधिक  उचित  प्रतीत  होता  हैं.  इसमें  से  होने  वाले  कुछ  लाभ  निम्न – लिखित  हैं -:

सौर ऊर्जा  कभी  ख़त्म  न  होने  वाला  संसाधन  हैं  और  यह  अनविनीकरणीय  संसाधनों का  सर्वोत्तम  प्रतिस्थापन  हैं.
सौर ऊर्जा  वातावरण  के  लिए  भी  लाभकारी  हैं.  जब  इसे  उपयोग  किया  जाता  है,  तो  यह  वातावरण  में  कार्बन – डाई – ऑक्साइड  और  अन्य  हानिकारक  गैस  नहीं  छोड़ती,  तो  वातावरण  प्रदूषित  नहीं  होता.
सौर ऊर्जा  अनेक  उद्देश्यों  हेतु  प्रयोग  की  जाती  हैं , जैसे -: उष्णता  के  लिए,  सुखाने  के  लिए,  भोजन  पकाने  में  और  बिजली  के  रूप  में,  आदि.  सौर  ऊर्जा  का  उपयोग  कार  में,  हवाई  जहाज  में,  बड़ी  नावों  में,  उपग्रहों  में,  केल्कुलेटर  में  और  अन्य  उपकरणों  में  भी  इसका  प्रयोग  किया  जाना  उपयुक्त  हैं.
चूँकि सौर  ऊर्जा  एक  अनविनीकरणीय  ऊर्जा  संसाधन  हैं.  अतः  भारत  जैसे  देशों  में  जहाँ  ऊर्जा  का  उत्पादन  महँगा  पड़ता  हैं,  तो  वहाँ  ये  संसाधन  इसका  बेहतरीन  विकल्प  हैं.
सौर ऊर्जा  उपकरण  किसी  भी  स्थान  पर  स्थापित  किया  जा  सकता  हैं.  यहाँ  तक  कि  ये  घर  में  भी  स्थापित  किया  जा  सकता  हैं,  क्योंकिं  यह  ऊर्जा  के  अन्य  संसाधनों  की  तुलना  में  यह  सस्ता  भी  पड़ता  हैं.

भारत में सौर ऊर्जा से होने वाली हानियाँ (Solar power disadvantages) -:--

हम रात  को  सौर  ऊर्जा  से  बिजली  उत्पादन  का  कार्य  नहीं  कर  सकते  हैं.
साथ ही  दिन  में  भी  जब  बारिश  का  मौसम  हो  या  बादल  हो  तो  सौर  ऊर्जा  के  द्वारा  बिजली  उत्पादन  का  कार्य  नहीं  किया  जा  सकता.  इस  कारण  हम  सौर  ऊर्जा  पर  पूरी  तरह  से  भरोसा  नहीं  कर  सकते.
केवल वही  क्षेत्र  सौर  ऊर्जा  उत्पादन  करने  में  सक्षम  हो  सकते  हैं,  जहाँ  पर्याप्त  मात्रा  सूर्य  प्रकाश  आता  हो.
सौर ऊर्जा  उत्पन्न  करने  के  लिए  हमे  सौर  उपकरणों  के  अलावा  इन्वर्टर  तथा  इसके  संग्रहण  के  लिए  बैटरी  की  आवश्यकता  होती  हैं.  वैसे  तो  सौर  उपकरण  सस्ते  होते  हैं,  परन्तु  साथ  में  उपयोगी  इन्वर्टर  और  बैटरी  इसे  महंगा  बना  देते  हैं.

     सौर उपकरण  आकार  में  बड़े  होते  हैं,  अतः  इन्हें  स्थापित  करने  हेतु  बड़े  क्षेत्रफल  की  भूमि  की  जरुरत  होती  हैं  और  एक  बार  यदि  ये  उपकरण  लग  जाये  तो  वह  भू – भाग  लम्बे  समय  के  लिए  इसी  उद्देश्य  में  काम  में  लिया  जाता  हैं  और  इसका  उपयोग  किसी  और  कार्य  में  नहीं  किया  जा  सकता.
इस प्रकार  उत्पन्न  होने  वाली  ऊर्जा  की  मात्रा  अन्य  संसाधनों  की  तुलना  में  बहुत  ही  कम  होती  हैं,  जो  हमारी  आवश्यकताओ  को  पूरा  करने  में  असमर्थ  हैं.
सौर उपकरण  नाज़ुक  होते  हैं,  जिनके  रख – रखाव  का  ध्यान  रखना  बहुत  जरुरी  होता  हैं,  जिससे  इनके  बीमा  आदि  पर  व्यय  होने  से  अतिरिक्त  लागत  भी  होती  हैं,  जिससे  खर्च  बढ़  जाता  हैं.

--अंकिता 
(मे २१, २०२२)
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन/निबंध-एसे-हिंदी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-16.09.2022-शुक्रवार.