निबंध-क्रमांक-28-कोरोना काल में जीवन में चुनौती पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2022, 10:15:40 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                      "निबंध"
                                    क्रमांक-28
                                   -----------

मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"कोरोना काल में जीवन में चुनौती पर निबंध"

                     कोरोना काल में जीवन में चुनौती पर निबंध--
                    -------------------------------------

     कहा जाता है कि मनुष्य का जीवन चुनौतियों से भरा होता है। प्रत्येक मनुष्य को जीवनयापन हेतु विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मनुष्य अपनी क्षमतानुसार इन चुनौतियों में सफलता प्राप्त करता जाता है व पुनः जीवन को सामान्य अवस्था में ले आता है। परंतु जब जीवंत सामान्य रूप से चल रहा हो और उस दौरान यदि कोई प्राकृतिक आपदा, महामारी, अन्तर्राष्ट्रीय संकट इत्यादि परिस्थितियां उत्पन्न होने लगती हो तो इन परिस्थितियों के कारण मानव का जीवन सामान्य रूप से व्यतीत करना एक कठिन चुनौती बन जाती है। यह परिस्थितियां व्यक्ति को शारीरिक रूप व आर्थिक रूप के साथ साथ मानसिक रूप भी कमजूर बना देती है।

     वर्तमान में कोरोना महामारी एक भयंकर अग्नि की भांति पूरे विश्व में फैलता जा रहा है। तथा लाखों, करोड़ों की संख्या में लोगों के जीवन का तबाह कर चुका है। हर व्यक्ति कोरोना वायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी बना कर रख रहा है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को पुनः अपने जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अकल्पनीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

               वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न चुनौतियां--

              अर्थव्यवस्था संबंधी चुनौती--

     कोरोना महामारी ने भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। चीन, अमेरिका जैसे विकसित देशों की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।

     भारतीय अर्थव्यवस्था में, वर्ल्ड बैंक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 5% रह गई है तथा 2020-21 में अर्थव्यवस्था की दर भारी गिरावट के कारण यह दर 2.8% रह गई है। इस समय सरकार के सामने बेहद गंभीर चुनौती आ खड़ी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी होने लगी थी परन्तु इस महामारी ने अर्थव्यवस्था को फिर से आरंभ की स्थिति में ला दिया है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि कोरोना महामारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट ही नहीं था अपितु ये एक आर्थिक संकट बन चुका हैं। इसी कारण विदेशी निवेश की संभावना भी न के बराबर ही है।

     इसके अतिरिक्त, वह व्यक्ति समूह जो मजदूरी करता, फेरी वाला है, दिन की दहाड़ी में कार्य करके अपना घर चलाता है, उन्हें बेहद गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

--👧Anshika Johari
(3 June 2021)
---------------------

                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-एसे.कॉम)
                    -------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.09.2022-सोमवार.