निबंध-क्रमांक-30-उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, September 28, 2022, 09:05:10 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                     क्रमांक-30
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध"

                       उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध--
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     कोरोना वायरस के कारण पूरे  विश्व की अर्थव्यवस्था  बुरी  तरीके से प्रभावित हुयी  है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के संकटकाल ने कड़ा प्रहार किया है। लॉकडाउन के महीनो में सभी छोटे बड़े उद्योग बंद पर गए है। औद्योगिक संगठनो ने बताया कि अगर केंद्र सरकार ने लघु और मध्यम उद्योगों  की रक्षा ना की तो निश्चित तौर पर देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। देश में  नोटबंदी के कारण , लोगो ने कई परेशानियां झेली।  हालांकि नोटबंदी देश में हो रही कालाबाज़ारी को रोकने के लिए किया गया था। कोरोना वायरस के चलते देश में कई  महीनो के लॉकडाउन के कारण , लघु और मध्यम उद्योगों को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है।

     मार्च के रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संकटकाल के दौरान , भारतीय व्यापार क्षेत्र को प्रारम्भ में पेंतीस करोड़ अमरीकी डॉलर का नुकसान हो गया है। यह कोरोना काल लंबा खींचने के कारण , उद्योगों का नुकसान कई गुना बढ़ गया है। इससे करोड़ो लोगो की नौकरियां प्रभावित हुयी है।

     लघु और मध्यम कारखाने सब से ज़्यादा नौकरियां लोगो को प्रदान करते है।  अगर उद्योग बंद हो गए तो उन लोगो का क्या होगा। औद्योगिक संगठनों के मुताबिक केंद्र सरकार को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना ज़रूरी है। वरना इसके गंभीर परिणाम झेलने पड़ेंगे और देखा जाए तो देश की जीडीपी भयावह तरीके से गिर रही है।

     2020-21 में तुलनात्मक आधार पर अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में भारी गिरावट आएगी |   रिपोर्ट के मुताबिक  यह महामारी ऐसे वक्त में आई है जबकि वित्तीय क्षेत्र पर दबाव के कारण पहले से ही भारतीय इकोनॉमी   सुस्ती की मार झेल रही थी |  कोरोना वायरस के कारण यह  दवाब  और अधिक  बढ़ा है। 

     कोरोना वायरस की कारण उद्योग और नौकरियां खतरे में है और ऐसे में कई लोगो को नौकरी से निकाला जा रहा है। कोरोना की सर्वप्रथम मार तिहाड़ी मज़दूरों ने झेली।  सिर्फ मुंबई में तकरीबन पच्चीस लाख मज़दूरों ने अपना रोज़गार गवाया। सरकार को निश्चित तौर पर मज़बूत कदम उठाने होंगे , ताकि मज़दूरों को ऐसी तकलीफें ना झेलनी पड़े।

     औद्योगिक संगठनों ने सरकार से गुजारिश कि ,देश के उद्योगों को बचाने हेतु , क़र्ज़ को वापस करने के लिए उद्योगों को वक़्त दिया जाए। इसके साथ ही जीएसटी और टैक्स देने के वक़्त को बढ़ाया जाए। इससे उद्योगों को इस कहर से झूझने का मौका  मिल जाएगा।

--👩Rima Bose
(17 September 2020)
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-एसे.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.09.2022-बुधवार.