प्रेमाचे बारा महिने ...!

Started by rudra, August 02, 2010, 04:53:00 PM

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Isha Gorivale







sudesh

 प्रेमाचे   बारा   महिने ...! 

जानेवारीत   तिला   पाहिलं   आणि   प्रेम   करावसं   वाटलं
फेब्रुवारीत  " ती " दिसल्यावर   मित्रांनी   तिच्याजवळ   लोटलं
मार्च   मध्ये  " ती " माझ्याकडे   पाहुन   गोड   हसली
एप्रिल   मध्य   म्हटलं   पोरगी   हसली , म्हणजे   फसली  ...!
मे   मध्ये   मी   तिच्याकडे   ओढले   गेलो
जुनमध्ये   फक्त   तिच्याच   विचारांनी   वेढलो   गेलो
जुलै   मध्ये   आम्ही   पावसांत   भिजायच   ठरवलं
ऑगस्ट   मध्ये   तिला   बिनधास्त   फिरवलं 
सप्टेंबर   मध्ये   मी   तिच्या   घरी   गेलो
ऑक्टोंबर   मध्ये   दोघे   माथेरानला   जाऊन   आलो
नोव्हेंबरला   मला   एकदम   स्ट्राईक   झालं
एवढ्या   ह्या   प्रवासात   तिला   विचारायचच   राहुन   गेलं
म्हणुन   ३१   डिसेंबरला   तिला   पार्टीला   नेलं
धाडस   करुन   मी   तिला   प्रपोज   केलं त्यावर   ती   म्हणते   कशी ,
" बारा   महिने   एकत्र   फिरलो
हे   काय   कमी   झालं
अरे   वेड्या , आता   नविन   बॉयफ्रेंड  ,
नविन   वर्ष   नाही   का   आलं ?"
मन   हे   नेहमी
फुलपाखरासारखं   असावं
एकिने   नाही   म्हटलं   तर   काय   झालं
लगेच   दुसरीवर   बसायला   हवं !!

कवी अज्ञात .......