एक बूँद-कविता-झूलमझूली

Started by Atul Kaviraje, October 22, 2022, 10:42:16 PM

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Atul Kaviraje

                                       "एक बूँद"
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मित्रो,

     आज पढते है, पूजा अनिल, इनके "एक बूँद" इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "झूलमझूली"

                                     झूलमझूली--
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झूला झूलने की है ठानी ,
झूले पर बैठी गुडिया रानी ,

मन में आया तेज चलाऊं ,
ऊँची थोडी पेंग बढ़ाऊं ,

माँ ने बोला, धीरे चलाना ,
तेज गति से गिर ना जाना ,

पर उसने ना माँ की मानी,
करती रही अपनी मनमानी ,

तेज उडाने से वो पलटी,
गिरी धरा पर होकर उलटी ,

आंसू टप टप ढुलके आयें ,
नानी की उसे याद दिलाएं,

माँ ने प्यार से गोद उठाया,
उसे चूम कर गले लगाया,

बड़ी प्यारी मेरी गुडिया रानी,
बोलती हंसकर मीठी बानी.

--प्रस्तुतकर्ता-पूजा अनिल
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(सोमवार, 21 दिसंबर 2009)
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-पूजIनील.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.10.2022-शनिवार.