किरण की दुनिया-कविता-कोई लाकर मुझे दे ---

Started by Atul Kaviraje, October 22, 2022, 10:50:58 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                    "किरण की दुनिया"
                                   ------------------

मित्रो,

     आज पढते है, "किरण की दुनिया" इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "कोई लाकर मुझे दे ---"

                                   कोई लाकर मुझे दे ---
                                  -----------------

     एक छोटी सी बच्ची ने मुझ से पूछा क्या आप का ये लेपटाप कही भी संदेश पहुचा सकता है ? हैं मेरा उत्तर था हैं उसने एक कागज का टुकड़ा जो कुछ पुराना और मुड़ा हुआ था मेरी टेबिल पर रख दिया  देखिये उसमे क्या लिखा  था ......

कोई लाकर मुझे दे ---
कुछ रंग भरे फूल,
कुछ खट्टे मीठे फल
थोड़ी बांसुरी की धुन
थोडा जमुना का जल
कोई लाकर मुझे दे
एक सोने जड़ा दिन
एक रूपों भरी रात
एक फूलो भरा गीत
एक गीतों भरी बात
कोई लाके मुझे दे
एक टुकड़ा छाव  का
एक धुप की घडी
एक बदलो का कोट
एक धुप की छड़ी
कोई लाके मुझे दे
एक छुटी वाला दिन
एक अच्छी सी किताब
एक मीठा सा सवाल
एक नन्ना सा जवाब
कोई लाकर मुझे दे
इस कविता के अंत में लिखा था भगवन जी ये सब अगर नहीं दे सकते तो हम बच्चो की दुनिया बड़ो से अलग
कर दो बड़े तो हमेशा लड़ते रहते है  ......   

--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------
(Wednesday, December 14, 2011)
--------------------------------------

             (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-किरण की दुनिया.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
             -----------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.10.2022-शनिवार.