निबंध-क्रमांक-67-समय का सदुपयोग पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, November 04, 2022, 08:54:00 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                     क्रमांक-67
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"समय का सदुपयोग पर निबंध"

समय का सदुपयोग पर निबंध – Samay ka sadupayog Essay in Hindi--
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     समय के मूल्य को पहचानना ही समय का सदुपयोग है। समय का एक-एक पल किसी भी मूल्यवान वस्तु से अधिक मूल्यवान है। जो समय का सदुपयोग करते हैं, सफलता उनके चरण चूमती है। जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझते, वे सफलता के पास कभी नहीं पहुँच पाते। समय पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। ईश्वर ने जितना समय हमें दिया है उसमें से एक क्षण भी, न बढ़ाया जा सकता है न ही घटाया जा सकता है। बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता। वह अपनी गति से चलता है। समय के एक-एक पल का सदुपयोग करना चाहिए। समझदार बच्चे पढ़ने के समय पढ़ते हैं, खेलने के समय खेलते हैं और मनोरंजन के समय मनोरंजन करते हैं। ऐसे विद्यार्थी बड़ी से बड़ी परीक्षा को भी चुटकियों में पास कर लेते हैं। विद्यालय से जो समय बचता है उसका सदुपयोग अन्य कलाओं को सीखने में लगाते हैं।

                  कबीर दास जी ने भी कहा है :--

--"कल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में परलै होयेगी बहुरि करेगा कब।"

     आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। समय पर कार्य करने वाला व्यक्ति केवल अपना ही भला नहीं करता बल्कि अपने परिवार, ग्राम तथा राष्ट्र की उन्नति में भी सहायक होता है। समय का सदुपयोग करके निर्धन-धनवान, निर्बल-सबल और मूर्ख-विद्वान बन सकता है। यदि इतिहास की तरफ झाँकें तो संसार में जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उनकी महानता के पीछे समय के सदुपयोग का मूलमन्त्र रहा है।

     समय का भयंकर शत्रु आलस्य है। आज युवा पीढ़ी के बहुत से लोग अवकाश के दिनों में निठल्ले घर पर बैठे रहते हैं। ऐसे लोगों की यह धारणा है :--

--"आज करै सो कल कर, कल करै सो परसों, इतनी भी क्या जल्दी है, अभी पड़े हैं बरसों ?"

     जिससे उनको स्वयं को ही हानि नहीं होती बल्कि देश को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। बजुर्गों ने ही यह कहा है कि निठल्ले बैठने से 'बेग़ार' करना भी भला है। व्यर्थ ख़ाली बैठे रहने की अपेक्षा अगर किसी के काम में उसकी सहायता कर दी जाए तो 'एक पंथ-दो काज' हो जाते हैं। एक तो जरूरतमंद की सहायता हो जाती है, दूसरा खाली बैठने की अपेक्षा हम कुछ न कुछ नया अवश्य सीखते हैं।

     महान वैज्ञानिकों ने अपनी प्रयोगशालाओं में एक-एक पल का सदुपयोग करते हुए नए-नए आविष्कार किए हैं। समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति इतिहास में अमर हो जाते हैं। विश्व में जितने भी विकसित देश हैं, उनके निवासी समय के महत्व को समझते हैं। वे सब काम समयानुसार करते हैं। हमें भी समय के सदुपयोग का संकल्प लेकर भारत देश को विकसित देश की पंक्ति में अग्रणी बनाना है।

--AUTHOR UNKNOWN
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी लर्निंग.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.11.2022-शुक्रवार.