II श्री शनी देवाय नमः II-श्री शनि चालीसा-क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, December 10, 2022, 08:59:13 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   II श्री शनी देवाय नमः II
                                  -----------------------

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शनिवार. श्री शनी देवाचा वार. आज ऐकुया,श्री शनि चालीसा.

     Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे.

                              "श्री शनि चालीसा-क्रमांक-4"
                             --------------------------

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदि अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सुख मंगल कारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अदभुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

॥दोहा॥
पाठ शनिश्चर देव को,
की हों विमल तैयार।
करत पाठ चालीस दिन,
हो भवसागर पार॥

===============
श्री शनि चालीसा- शनि भजन
अल्बम : संपूर्ण  शनी  वंदन
गीतकार : डॉक्टर बी.पी.व्यास
गायक : महेंद्र  कपूर 
===============

                      (साभार आणि सौजन्य-शनिदेव हिंदी भजन)
                                 (संदर्भ-भक्तिगाने.इन)
                     --------------------------------------
                     
-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.12.2022-शनिवार.