scientificworld-मंकीपॉक्स वायरस: संक्रमण और बचाव--क्रमांक-१-

Started by Atul Kaviraje, December 10, 2022, 09:48:24 PM

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Atul Kaviraje

                                  "scientificworld"
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मित्रो,

     आज पढते है, "scientificworld" इस ब्लॉग का एक लेख. इस कविता का शीर्षक है- "मंकीपॉक्सवायरस: संक्रमण और बचाव"

                मंकीपॉक्सवायरस: संक्रमण और बचाव--क्रमांक-१--
                Monkeypox Symptoms and Treatment--
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                मंकीपॉक्स : एक नया स्वास्थ्य खतरा--

     अभी दुनिया कोविड-19 के कहर से पूरी तरह उबरी नहीं है, इसी बीच कई देशों में मंकीपॉक्स के प्रकोप की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। विशेष बात यह है कि उन देशों में इससे पहले मंकीपॉक्स संक्रमण की उपस्थिति नहीं थी। दिनांक 13 मई, 2022 से विश्व स्वास्थ्य संगठन के 12 सदस्य देशों में मंकीपॉक्स वायरस monkeypox virus के मामले प्रकाश में आए हैं। दिनांक 21 मई, 2022 तक विश्व में मंकीपॉक्स से संक्रमित 92 मामलों में इसके वायरस की पुष्टि हुई है और कुल 28 व्यक्तियों में इसकी संदिग्ध उपस्थिति पाई गई है।

            क्या है मंकीपॉक्स? What is monkeypox virus?

     मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है। मानव में इसका पहला मामला वर्ष 1970 में प्रकाश में आया था जब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में स्मॉलपॉक्स के एक संदिग्ध बालरोगी में इस वायरस को पृथक किया गया था। मंकीपॉक्स से एक दूसरी वैश्विक महामारी का खतरा नहीं है, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी को ध्यान में रखकर इसके एक दूसरे मुख्य प्रकोप का खतरा समझ में आता है। यद्यपि, इसकी व्यापकता सामान्य न होकर आमतौर पर मन्द रूप में होती है परंतु मंकीपॉक्स के एक गंभीर रूपधारण की संभावना बनी हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता है कि यात्रा में बढ़ोतरी के साथ इसके अधिक मामले प्रकाश में आएंगे।

                  मंकीपॉक्स वायरस Monkeypox virus

     मंकीपॉक्स रोग के लिए मंकीपॉक्स वायरस monkeypox virus जिम्मेदार है जो वायरस के पॉक्सविरिडी कुल के अंतर्गत ऑर्थोपॉक्सवायरस नामक एक उपकुल का सदस्य है। इस कुल में स्मालपॉक्स, वैक्सीनिया और काऊपॉक्स वायरेसेज़ सम्मिलित हैं। मंकीपॉक्स वायरस के रिज़र्वायर के रूप में किसी जंतु के विषय में जानकारी नहीं है परंतु आशंका है कि इसके संचरण में अफ्रीकी कृन्तकों यानि रोडेंट्स की भूमिका हो सकती है। प्रकृति में जंतुओं से केवल दो बार ही मंकीपॉक्स वायरस को पृथक किया गया है।

     इस वायरस का नाम पहली बार मंकीपॉक्स वर्ष 1958 में दिया गया जब अनुसंधान के लिए रखे गए बंदरों के रोग ग्रस्त होने के परिणामस्वरूप इसके दो प्रकोप घटित हुए थे। हालांकि, ये वायरस बंदरों से मनुष्यों में सीधे नहीं पहुंचे थे और न ही इस रोग के लिए बंदर मुख्य वाहक होते हैं। मंकीपॉक्स वायरस monkeypox virus इसलिए भी चिंता का विषय है कि प्राकृतिक रूप से इसके होस्ट रोडेंट्स और अन्य जंतुओं के होने के कारण इसका उन्मूलन असंभव है। समय के साथ मंकीपॉक्स वायरस में किस तरह के परिवर्तन होंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है। परंतु वायरस पर शोध करने वाले विशेषज्ञों के लिए यह चिंता का विषय है कि यदि इस वायरस में उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन होने के बाद एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल गया तो विश्व के बहुत बड़े भाग में तबाही आ जाएगी। ऑर्थोपॉक्सवायरस सहित 60% से अधिक रोगजनों यानी पैथोजंस की उत्पत्ति दूसरे पृष्ठधारी यानी वर्टीब्रेट जंतुओं में हुई है।

     मंकीपॉक्स वायरस अपने नाम के विपरीत मूषकों, गिलहरियों और अन्य जंगली रोडेंट्स में पाए जाते हैं। चूंकि, मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण monkeypox infection के लक्षण स्मॉलपॉक्स के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं, इसलिए इसे स्मॉलपॉक्स वायरस का नजदीकी माना जाता है। इसके प्रकोप ज्यादातर मध्य अफ्रीका में पाए गए परंतु वर्ष 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका में तथा 2006 में सूडान में इसके संक्रमण दर्ज किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 1970 से 11 अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए, जिसमें नाइजीरिया में वर्ष 2017 से इसके बड़े प्रकोप देखने को मिल रहे हैं। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसके 12 सदस्य देशों में 13 से 21 मई, 2022 के बीच मंकीपॉक्सवायरस के 92 पुष्ट मामलों और 28 संदिग्ध मामलों की पहचान की गई। यूरोप में 7 मई, 2022 को मंकीपॉक्सवायरस से पीड़ित पहला रोगी प्रकाश में आया जिसने नाइजीरिया से इंग्लैंड की वापसी की यात्रा की थी। हालांकि, मंकीपॉक्सवायरस के ज्यादातर रोगियों ने अफ्रीका महाद्वीप की यात्रा नहीं की थी।

     विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्सवायरस के एक रोगी को छोड़कर अन्य सभी ने इसकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों से यात्रा नहीं की थी। ज्यादातर मामले पुरुष से यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाए गए, जिन्होंने चिकित्सा सेवाओं के लिए संपर्क किया था। इससे संकेत मिलता है कि इसका संचरण काफी पहले से होता आ रहा है। ब्रिटेन में मंकीपॉक्सवायरस से संक्रमित सभी पुरुषों के समलिंगी यौनाचार में लिप्त होने की जानकारी मिली थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैज्ञानिक अलग-अलग मामलों से रोगियों से प्राप्त वायरस की सीक्वेंसिंग यानी अनुक्रम निर्धारण का अध्ययन कर रहे हैं जिससे उनमें किसी तरह के संबंध, यदि कोई हो, का पता लगाया जा सके।

--डॉ. कृष्णा नन्द पाण्डेय
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             (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दिनेश चापेकर.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.12.2022-शनिवार.