IIश्री गणेशाय नमःII-संकष्टी चतुर्थी-गजानना, श्री गणराया आधी वंदू तुज मोरया

Started by Atul Kaviraje, December 11, 2022, 09:20:41 AM

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Atul Kaviraje

                                 IIश्री गणेशाय नमःII
                                    "संकष्टी चतुर्थी"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज  दिनांक-11.12.2022-रविवार, संकष्टी चतुर्थीचा पावन दिन आहे . श्री गणेश चरणी वंदन करून, ऐकुया गणेश संकष्टी चतुर्थी गीत - "गजानना, श्री गणराया आधी वंदू तुज मोरया"

     Sankashti Chaturthi falls every month during Krishna Paksha. This time, it will be observed on Chaturthi Tithi (fourth day) of Krishna Paksha in the month of Pausha i.e., December 11, 2022.

     Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: ज्योतिष में इस दिन भगवान गणेश की पूजा का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

     Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: 11 दिसंबर को है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, जानें मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व

     Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2022 कब है।

     Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: इस माह की 11 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। इन दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। मान्यता है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी को व्रत रखने और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती और संकटों से भी मुक्ति मिलती है।

     अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Muhurta)

     ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ती है। चतुर्थी तिथि 11 दिसंबर 2022 को शाम 4 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 दिसंबर 2022 को शाम 6 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। 11 तारीख को ही चंद्रोदय भी होगा। ऐसे में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 दिसंबर को ही रखा जाएगा।

     वहीं अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का बहुत महत्व होता है। व्रत रखने वाले लोग चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पारण करते हैं। चंद्रोदय करीब रात 8 बजकर 1 मिनट के पर होगा।

     अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Importance)

     अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होने की मान्यता है। वहीं रूके हुए काम बनने और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होने की मान्यता है।

     अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Puja vidhi)

-सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहने।
-पूजा स्थल की सफाई कर गंगा जल से शुद्ध करें।
-भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करें।
-फल और लड्डू का भोग लगाएं।
-पूजा के बाद व्रत का संकल्प लें।
-शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें।
-गणेश चालीसा और गणेश पाठ करें।

--आस्‍था डेस्क
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-जनसत्ता.कॉम)
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                      "गजानना, श्री गणराया आधी वंदू तुज मोरया"
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गजानना, श्री गणराया
आधी वंदू तुज मोरया
मंगलमुर्ती, श्री गणराया
आधी वंदू तुज मोरया

सिंदुरचर्चित धवळे अंग
चंदन उटी खुलवी रंग
बघता मानस होते दंग
जीव जडला चरणी तुझिया
आधी वंदू तुज मोरया

गौरीतनया भालचंद्रा
देवा कृपेच्या तू समुद्रा
वरदविनायक करुणागारा
अवघी विघ्ने नेसी विलया
आधी वंदू तुज मोरया

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गीत – शान्‍ता शेळके
संगीत – पं.हृदयनाथ मंगेशकर
स्वर – लता मंगेशकर
गीत प्रकार – भक्तीगीत
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.12.2022-रविवार.