सुनीता यादव-अपनी-सी लगे मॉरीशस की धरती-2-अ-

Started by Atul Kaviraje, December 24, 2022, 10:14:46 PM

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Atul Kaviraje

                                    "सुनीता यादव"
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मित्रो,

     आज पढते है,सुनीता प्रेम यादव, इनके "सुनीता यादव" इस कविता ब्लॉग का एक लेख  . इस कविता का शीर्षक है- "अपनी-सी लगे मॉरीशस की धरती"

मॉरीशस: बड़े अच्छे लगते हैं ये धरती, ये नदिया, ये रैना और यहाँ के लोग

                     "अपनी-सी लगे मॉरीशस की धरती"-2-अ--
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     हे असीम ! धन्य तेरी सृष्टि! सचमुच रास आया जैसे था ही मेरा हमसाया !अभी भी मायावी मल्हार में पछाड़ें खा रहा है तीन चौथाई शरीर में समुद्र! लगता है अभी बादल हूँ,अभी बर्फ हूँ, अभी बारिश हूँ, अभी पानी हूँ, अभी लहर हूँ, अभी समुद्र हूँ.....फिर से मैं भाषा और प्रकृति मेरी परिभाषा ....

     इंद्रधनुषी संस्कृति का देश: लोग और पर्यटन क्रियोल,हिन्दू,मुसलमान,और गोरे समूह से भरा कुछ चीनी,कुछ ईसाई से धरा धरती ! फ्रांसीसी, अङ्ग्रेज़ी,अफ्रीकी व भारतीय संस्कृति से मिली-जुली झलक लिए   धरती की राजभाषा क्रियोल है। फ्रेंच और अङ्ग्रेज़ी सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा है। तकरीबन 50 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के होने के कारण हिन्दी और भोजपुरी भी बोली जाती  है।सड़कों पर हिंदी में लिखे बोर्ड मिल जाते हैं।  बॉलीवुड की फिल्में यहाँ रिलीज भी होती हैं। हमारा होटल ले ग्रांड ब्लू के सभी सदस्य तथा हमारी टुरिस्ट गाइड पूनम और रक्षा भी अच्छी हिंदी बोलतीं थीं। यहाँ की मुद्रा का नाम रुपया है ।पूनम रोज कहती थी फलां-फलां जगह जाओगे तो तुमको इतना-इतना रुपया खर्च करना पड़ेगा ( पैसे की भाषा....कभी आशा, कभी निराशा ..... हम सब निकले उत्तरी हिस्से का सैर करने ...देखने चले 100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मूरिश शैली में बना आयताकार सिटाडेल किला जो कि पेटिट मोंटिंग पहाड़ी पर शोभायमान है।  कर्नल कनिंघम द्वारा ब्रिटिश सेना को दुश्मनों से बचाने के लिए यह बनाया गया था। हालांकि कभी आक्रमण नहीं हुआ ये और बात है। यहाँ किसी कोरियन सिरियल की शूटिंग चल रही थी। हम सभी उसका लुत्फ उठा रहे थे।अचानक  मैं न जाने  क्यूँ पिघल रही थी,तन्हाइयों में तराशी उदासी की आवाज मेरी लालकिले से बड़ी लग रही थी । बस चल पड़ी पोर्ट लुईस की तरफ । पोर्ट लुई एक व्यापारिक केंद्र है ।  पहाड़ों की श्रुंखला से घिरा अपनी आधुनिकता व परंपरा को समेटा हुआ यह यादगार स्थल अपने कौड़ान वाटरफ्रंट जहां बड़े ब्राण्डों की दुकानें हैं, केसीनों,बार एवं रेस्तराँ हैं,चाइना टाऊन है । अपने स्थानीय शिल्प, औपनिवेशिक वास्तुकला,डोमेने लेस पाइल्स की चीनी मील, मसाले, खाना-खजाना,लाइव मनोरंजन के साथ यह स्थल अनेक ख़रीदारों को ललचाता है। उदर पूर्ति के बाद आसमानी छतरियों के तले तस्वीर खींचने की  जिज्ञासा को रोक न पाए। कुछ पल किनारे सुस्ता लिए...सिनेमा हाल की दीवार पर अमिताभ जी की तस्वीर देखकर खुश हुए, शिव पूजन जी के भजन का सुख ग्रहण करते हुए चल पड़े बस की ओर ...गन्ने के रस वाले को देख कर पूछा था ...उसने कहा 200 रुपया एक ग्लास भर गन्ना...फिर क्या कहना , न न न न ना रे नारे नारे .........

--सुनीता प्रेम यादव
औरंगाबाद,महाराष्ट्र   
(Friday, March 11, 2022)
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-सुनीता यादव.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.12.2022-शनिवार.