काव्यालय कविता-कविता सुमन-16-स्थगित सपना-हिन्दी अनुवाद

Started by Atul Kaviraje, December 28, 2022, 09:16:38 PM

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Atul Kaviraje

                                  "काव्यालय कविता"
                                   कविता सुमन-16
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मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "काव्यालय कविता" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "स्थगित सपना-हिन्दी अनुवाद"

                               "स्थगित सपना-हिन्दी अनुवाद"
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स्थगित सपना

स्थगित सपने का क्या होता है?

क्या वह सूख जाता है
किशमिश जैसे धूप में?
या पकता है घाव सा
फिर रिसता है?
बासता है, जैसे सड़ता गोश्त?
या पपड़ी जम जाती है
चीनी अलग हो जाती है
जैसे चाशनी पर?

शायद वह बस लच जाता है
जैसे भारी बोझ।

या कि होता है विस्फोट?

अंग्रेज़ी मूल--
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What happens to a dream deferred?

Does it dry up
like a raisin in the sun?
Or fester like a sore—
And then run?
Does it stink like rotten meat?
Or crust and sugar over—
like a syrupy sweet?

Maybe it just sags
like a heavy load.

Or does it explode?

--लैंग्स्टन ह्यूज़
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--अनुवाद: वाणी मुरारका
(21st Aug 2020)
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-काव्यालय.ऑर्ग/युगवाणी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.12.2022-बुधवार.