निबंध-क्रमांक-129-वायुयान यात्रा पर निबंध-ब--

Started by Atul Kaviraje, January 05, 2023, 09:45:59 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                     क्रमांक-129
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- " वायुयान यात्रा पर निबंध"

   वायुयान यात्रा पर निबंध-Essay on Aeroplane(airplane) Travel--ब--
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     अब लगभग सौ प्रकार के विमान हैं। जैसे बोइंग 747, बोइंग 737, एयर बस 300, डी० सी० 10-300, फोकर फ्रेंडशिप-32, कॉनकार्ड, डॉरनियर आदि। विभिन्न प्रकार के विमानों में दो से लगभग पाँच सौ यात्री सवार हो सकते हैं। विभिन्न प्रकार के विमानों की गति तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटे से सोलह सौ किलोमीटर प्रति घंटे तक है। विभिन्न प्रकार के विमान पाँच सौ मीटर से लगभग नौ-दस हजार मीटर तक की ऊँचाई से उड़ानें भरते हैं जबकि विश्व के सर्वोच्च पर्वत-शिखर एवरेस्ट की ऊँचाई आठ हजार आठ सौ अड़तालीस मीटर है।

     अगर आप वायुयान से देश-विदेश की यात्रा कीजिए, आपको एक विचित्र सुखद अनुभव प्राप्त होगा। संसार के सबसे ऊँचे हिमशिखर एवरेस्ट की ऊँचाई से भी बहुत ऊपर वायुयान उड़ता है। अंबर-आश्लेषी अट्टालिकाएँ बच्चों के घरौंदे जैसे मालूम पड़ते हैं। बड़ी-बड़ी नदियाँ नहरों जैसी दिखाई पड़ती हैं, बड़े-बड़े जंगल झाड़ियाँ जैसे लगते हैं। रात में यदि किसी महानगर से आपका विमान उड़ रहा है, तो लगता है जैसे इंद्रधनुषी बल्बों के बंदनवार के ऊपर से आपका विमान शनैः शनैः खिसक रहा है। और. दिन में यदि बादल हो, तो आपका विमान उससे बहुत ऊपर उड़ता दिखाई देगा। बादल के टुकड़े ऐसे लगेंगे, जैसे धुनी रूई के दूह या स्तूप लटक रहे हों या विभिन्न आकारों के. श्वेत जीव-जंतु आकाश में तैर रहे हों या रूई के छोटे-छोटे पादप लटक रहे हों। ये दृश्य इतने रोमांचकारी होते हैं कि आप कल्पना या कविता के संसार में खो जाते हैं, जीवन की सारी हताशा और निराशा के रौरव से मुक्त होकर आप एक विचित्र स्वर्गलोक में प्रविष्ट कर जाते हैं। पर, यदि विमान के यंत्र में कुछ गड़बड़ी हो जाए, तो मत पूछिए। 23 जून, 1985 के दिन एयर इंडिया का एक जंबोजेट 'कनिष्क' आयरलैंड के दक्षिण तट के लगभग दो सौ किलोमीटर दूर एटलांटिक महासागर में दर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें तीन सौ उनतीस लोग मारे गए। 3 अगस्त, 1985 को अमरीकी विमान सेवा 'डेल्टा एयर लाइंस' का विमान अचानक एक विस्फोट के कारण ध्वस्त हो गया। विमान में सवार एक सौ एकसठ यात्रियों में लगभग एक सौ तीस यात्रियों की मृत्यु दुर्घटनास्थल पर ही हो गई। कुछ वर्ष पहले जापान के ओसाका नगर से टोकियो नगर जानेवाला जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसपर सवार सभी पाँच सौ उनतीस यात्री काल के गाल में समा गए। ऐसी दुर्घटनाएँ संसार में प्रतिवर्ष हो ही जाती हैं।

     कभी-कभी किसी उग्रवादी या आतंकवादी के द्वारा विमान का अपहरण कर लिया जाता है, तो यात्रियों की जान आफत में फँस जाती है।

     दुर्घटनाओं एवं अपहरणों की बात छोड़ दें, तो वायुयान-यात्रा कितनी सुखावह है, आप इसकी कल्पना तभी करेंगे, जब आप विमान से देश-विदेश की यात्रा करेंगे।

--सतीश  कुमार
(मार्च 26, 2021)
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                        (साभार एवं सौजन्य-माय हिंदी लेख.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.01.2023-गुरुवार.