निबंध-क्रमांक-141-किसान आंदोलन (Farmer Protest)

Started by Atul Kaviraje, January 17, 2023, 09:23:15 PM

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Atul Kaviraje

                                        "निबंध"
                                      क्रमांक-141
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- "किसान आंदोलन (Farmer Protest)"

                         किसान आंदोलन (Farmer Protest)--
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     केंद्र सरकार ने 2020 के संसद के मानसून सत्र में कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए तीन अधिनियम पेश किए थे जो बाद में पारित भी हो गए थे, हालांकि, किसान समूहों ने उन्हें अच्छी तरह से समझा नहीं है और अधिनियमों को निरस्त करने के लिए काफी आंदोलन किए।

     किसानों की आजीविका को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रावधान को हटाने के लिए संशोधन लाने के सरकारी आश्वासन के बावजूद, किसान अधिनियमों को पूर्ण रूप से निरस्त करने की अपनी मांग में अडिग रहे हैं।

     इस लेख में हम कृषि सुधार कानून क्या है, इन अधिनियमों को लाने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी, कृषि सुधार बिल से किसानो को लाभ और किसान आंदोलन के कारण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

                    प्रस्तावना--

     भारत में लगभग 70% लोग कृषि या उससे संबंधित कार्यों में लगे हैं।

     भारत की राष्ट्रीय जनगणना हर दशक में की जाती है – 2011 में 1991 की तुलना में लगभग 15 मिलियन किसानो की कमी दर्ज की गई थी। इसमें कहा गया था कि हर 24 घंटे में 2,040 किसान कृषि छोड़ देते हैं।  1990 के दशक के मध्य से खेती की लागत कई गुना बढ़ गई है, लेकिन किसानों की आय स्थिर या घट गई है।

     यह उनके असंतोष का एक प्रमुख कारण है, जिसके कारण वे बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए विरोध या शहरों का रुख कर रहे हैं। इससे शहरों में प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

     भारत जैसे कृषिप्रधान देश में किसानों का असंतोष और प्रवासीकरण एक गंभीर समस्या है।

                   कृषि सुधार कानून क्या है--

     कृषि सुधार कानून के अंतर्गत सरकार द्वारा तीन प्रकार के अधिनियम लाए गए थे।

     किसान उपज ट्रेड और कॉमर्स (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020
इस अधिनियम का उद्देश्य किसानों के लिए अधिसूचित कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) मंडियों के बाहर कृषि बिक्री और विपणन को खोलना, अंतर-राज्यीय व्यापार की बाधाओं को दूर करना और कृषि उपज के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक ढांचा प्रदान करना है। 

     इस अधिनियम में किसानों को देश में कहीं भी उपज बेचने की अनुमति देने के लिए एक राष्ट्र-एक बाजार की अवधारणा पेश की गई।

--मिनू सैनी
( Aug 11, 2022)
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                         (साभार एवं सौजन्य-माय हिंदी लेख.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.01.2023-मंगळवार.
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