निबंध-क्रमांक-147-ऑनलाइन शिक्षा

Started by Atul Kaviraje, January 23, 2023, 08:45:16 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                     क्रमांक-147
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- "ऑनलाइन शिक्षा (Online Education)"

                  ऑनलाइन शिक्षा (Online Education)--
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     माता-पिता की अतिरिक्त जिम्मेदारियां: माता-पिता पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है क्योंकि उनको यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लें और यह माता पिता के काम की उत्पादकता और समय सारणी को प्रभावित करता है।
छात्र अनुशासन: छात्रों के लिए सीखने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए घर में अपर्याप्त जगह और शांति मिलती है, जिससे छात्र का ध्यान भटकता है और उस तरह से नहीं पढ़ पाता है जिस प्रकार से वह परंपरागत क्लास में पढ़ पाता।

इंटरनेट की कम स्पीड: डिजिटल शिक्षा के लिए दिन में कई घंटे निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है और भारत के ज्यादातर इलाकों में इंटरनेट की स्पीड इतनी नहीं है कि बच्चें ऑनलाइन शिक्षा का अच्छी तरह से लाभ ले पाए, कोरोना महामारी के दौरान ऐसे कई बच्चे थे जिनको इंटरनेट समस्या का सामना करना पड़ा।

समग्र दृष्टिकोण का अभाव: डिजिटल शिक्षा इंटरनेट पर शिक्षकों द्वारा ब्लैकबोर्ड पर व्याख्यान के वीडियो के बारे में नहीं है। यह उपयुक्त प्लेटफॉर्म्स, टेक्नोलॉजी, टूल्स, इंटरएक्टिविटी, क्यूरेशन, कंटेंट और बहुत कुछ के बारे में है, इन टेक्नोलॉजीज के बारे में अभी भारत के बहुत सारे शिक्षक और माता पिता अनभिज्ञ हैं।

     भारत में ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में सरकार की रणनीतियां और योजनाएं
भारत सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में कई प्रकार की योजनाएं और रणनीतियां बनाई हैं, जो काफी हद तक प्रभावी भी रही लेकिन इतनी विशाल जनसंख्या वाले देश के लिए अभी और प्रभावी तथा व्यापक रणनीति और योजनाओं की आवश्यकता है।

     भारत सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में निम्नलिखित योजनाएं और रणनीतियां बनाई है।

                       स्वयं पोर्टल--

     स्वयं युवा आकांक्षी दिमाग के लिए सक्रिय शिक्षण के अध्ययन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत एक कार्यक्रम है।

     स्वयं प्रभा के पास शैक्षिक सामग्री को प्रसारित करने के लिए 34 डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) चैनल हैं।

     इन चैनलों को मुफ्त में प्रदान किया जाता है।

     इसमें उच्च गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग चैनल हैं। खास बात ये है कि ये चैनल बहुभाषी है और हर प्रकार के भारतीय के लिए मुफ्त में उपलब्ध है।

     कुल मिलाकर यह कार्यक्रम गरीब छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है, अब छात्र अपनी भाषा में पढ़ और सीख पाएंगे।

     स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इन शैक्षिक चैनलों की पहुंच बढ़ाने के लिए शैक्षिक वीडियो सामग्री को प्रसारित करने के लिए निजी डीटीएच ऑपरेटरों के साथ भागीदारी की है।

--मिनू सैनी
(Aug 11, 2022)
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                        (साभार एवं सौजन्य-माय हिंदी लेख.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.01.2023-सोमवार.
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