पेहेचान

Started by mkapale, February 10, 2023, 11:46:56 AM

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mkapale

अपना खून देने गया तो...
मांगली उन्होंने मेरी पेहेचान
किसी की जान बचानेके लिए
क्या काफी नहीं है मेरा होना इंसान

सारी जांच करली उन्होंने
के कही मै ना हूँ बीमार
तबियत से मै था ठीक..मगर
बीमारी जो सोच मै है कब होगी फरार

खून का रंग बदलता है क्या
मेरी पेहेचान बदल जाये अगर अभी
जीवनदाता बन सकता हूँ किसी के लिए
नजरोंसे मार रहे थे लेकिन मुझे वोह सभी

आज पता चला के ये दुनिया
चलती है पेहेचान पत्र से
किसीकी जान के लिए नहीं है काफी
चलना केवल इंसानियत के जज्बात से 

सारे नियम बनाये के एक समाज बने
सामाजिकता सिमट गयी पर... पेहेचान पत्रमे
अस्पताल को आज जरुरत नहीं है मेरे खून की
समाज मे होकर भी चल रहा हूँ जैसे, मै वीराने मे....मै वीराने मे