निबंध-क्रमांक-193-ग्रामीण जीवन पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, March 10, 2023, 10:28:46 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                     क्रमांक-193
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- " ग्रामीण जीवन पर"

                               ग्रामीण जीवन पर निबंध--
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                  मनोरंजन के साधनों का अभाव--

     गाँवो में शहरों की तरह मनोरंजन के साधन जैसे सिनेमाघर, गार्डन, चौपाटी उपलब्ध्द नही होते। गाँव में रहने वाले बच्चों को तो समोसे कचोड़ी या कुल्फी के लिये भी कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है।

     ऐसा नही है, कि ग्राम में कोई लोग नही रहते या वहाँ जनजीवन संभव ही नही है। जहाँ गाँव में रहने वाले लोगों को कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है, वही ग्रामीण जीवन के कई फायदे भी है, जिसके कारण पुराने ग्रामीण लोग अपना गाँव छोड़ना नही चाहते।

                 ग्रामीण जीवन के लाभ/फायदे (Gramin Jeevan ke Labh)--

                  शुध्द प्रकृतिक वातावरण--

     शहरों की अपेक्षा गाँवो का वातावरण शुध्द है, यहाँ आज भी शहरी प्रदूषण से मुक्त शुध्द हवा पानी उपलब्द् है। यहाँ ना वाहनों से निकलने वाला धुआ है, ना ही डीजे का शोर। यहाँ के लोग कूलर पंखे के बिना ताजी हवा का आनंद लेना पसंद करते है और विदेशी पेय से दूर शुध्द पेय जैसे दही, लस्सी, शिकंजी आदि को पसंद करते है।

                    शुद्ध रसायन मुक्त भोजन--

     गाँव के लोग खुद खेती करते है, गाय भैस पालते है, तो वे अपने लिये बिना रसायन का उपयोग किए अनाज, सब्ज़ी आदि का प्रबंध कर सकते है। जहाँ हम लोग शहरों में पैकेट का दूध इस्तेमाल करते है, वहीं गाँवो में लोग गाय भैसों का शुध्द और ताजा दूध पिते है तथा घर पर ही दूध के अन्य पदार्थ बनाते है।

                  त्योहारों का सही आनंद--

     जहाँ शहरों में लोग दिनभर की दौड़ धूप से तंग आकर त्योहारों का आनंद नही ले पाते. वही गाँव के लोग हर त्योहार को पूरे उत्साह से मनाते है। सच तो यह है कि भारत में अब त्योहारों का अस्तित्व केवल गाँवो में शेष रह गया है।

                   एक दूसरे की मदद के लिये सदैव तत्पर--

     गाँवो में अब भी भाईचारे की भावना मौजूद है। यहाँ लोग एक-दूसरे के साथ परिवार की तरह रहते है, और एक-दूसरे की सहायता के लिये तत्पर रहते है।

                  शहरी भागदौड़ से दूर सुकून की ज़िंदगी--

     जहाँ बड़े-बड़े शहरों में लोग भाग दौड़ से तंग आ चुके है, वही ग्रामीण जीवन अब भी सुकून से भरा हुआ है। यहाँ लोग दिनभर की मेंहनत के बाद शाम में जल्दी खाना खाकर अपने आंगनों में आराम करते है, अपने दिनभर की बाते एक दूसरे को बताते है। वही शहरी लोग इन सब बातों से दूर दूर तक अंजान है।

     इन सब बिन्दुओ के पढ़कर यह निष्कर्ष निकाल पाना मुश्किल है कि गाँव का जीवन बहुत अच्छा है या बहुत बुरा। मेरा मानना तो यह है कि शिक्षा ही हर समस्या का समाधान है इसलिए अपने बच्चों को जितना हो सके उच्च शिक्षित करे और अपने देश के विकास में योगदान दें।

                   ग्रामीण जीवन में सुधार कैसे लायें--

     ग्रामीण जीवन इतना बुरा नहीं है जितना हम उसे समझते हैं. लेकिन यह सच है की ग्रामीण जीवन में कुछ सुधार होने आवश्यक है और हम यह सुधार इस तरह से कर सकते हैं –

गाँव के लोगों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करवाएं.
शिक्षा का महत्व बताएं.
गांवों में खेती में सुधार के लिए आधुनिक तरीके सुझाएँ.
अगर आप अच्छे पढ़े लिखे है तो अपने गाँव के विकास में योगदान देंवे.
अपने गाँव की समस्याओं से जिला कलेक्टर या सरकारी अधिकारी को अवगत करवाएं.
गाँव की प्राचीन धरोहर को संभाल कर रखें और उसे किसी भी तरह की क्षति ना आने देंवे.
ग्रामीण जीवन एवं शहरी जीवन में अंतर

--स्नेहा
(February 13, 2023)
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन/निबंध-एसे-हिंदी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.03.2023-शुक्रवार.
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