II श्री हनुमान जयंती II-कविता-2

Started by Atul Kaviraje, April 06, 2023, 01:30:41 PM

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Atul Kaviraje

                                    II श्री हनुमान जयंती II
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०४.२०२३-गुरुवार है. आज "हनुमान जयंती" है. हनुमान जयन्ती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था यह माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है, कुछ कविताये-रचनाये.

पीड़ा से तड़पता हुआ, आँखों में आँसू, सड़क पर चलता हुआ,
एक रोगी ईश्वर के मंदिर में आया, हनुमान चालीसा पढ़ता हुआ !

पाठ समाप्त हुआ, हनुमान जी प्रकट हुए, आज वे भी लग रहे थे खोए खोए !

हनुमान जी ने भक्त से कहा, "इस संसार में अब सुखी कोई नहीं रहा, सुख चैन ख़तम दर्द ही बाकी रहा,
लाओ तुम भी अपना दर्द मुझे देदो, ये दर्द भी मैं भोग लूंगा, मैं खुद अशक्त हो गया हूँ,
लेकिन तुमको निरोग कर दूँगा !
अरे मैं तो रोज करोड़ों के कुकर्मों का बोझ ढो रहा हूँ, राम का आदेश है सहन कर रहा हूँ !
तुझे तो केवल दिल की बीमारी है, मेरा तो पूरा तन बदन जर्जर हो गया है,
इंसानों के पाप कर्मों को अपने तन पर लेना मेरी दिन चर्या है,
ला एक तेरा भी दर्द इस महा सागर में मिल जाएगा,
मैं कुछ और तड़प लूँगा, तुझे आराम आ जाएगा,!"
भक्त बोला, "नहीं प्रभु, ये मेरे कुकर्मों का दर्द है मुझे ही तड़पने दो, बादलों की बिजली बादलों में ही कड़कने दो!
मेरी पीड़ा तन की पीड़ा है शरीर के साथ ही समाप्त हो जाएगी, शरीर से मुक्ति मिलते ही दर्द से मुक्ति मिल जाएगी !
आप तो सदा से अजर अमर हो, हमारी आस्था ईश्वर का दर हो, अगर आस्था जर्जर हो गई
और दर्द के बोझ तले खो गई, तो न फिर विश्व होगा, न जीव ना होगा लोक परलोक,

ना रहेगी कुदरत की सुंदरता और न रहेगा ये मृत्यु लोक !
हे पवन पुत्र कुछ ऐसा कर दो, हो विश्व कल्याण ! अपना दर्द कुछ मुझ को दे दो अंजनी पुत्र हनुमान !"

          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-xn--11ba5f4a5ecc.xn--h2brj9c)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.04.2023-गुरुवार.
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