II बाबासाहेब आंबेडकर जयंती II-कविता-17

Started by Atul Kaviraje, April 14, 2023, 10:59:04 PM

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Atul Kaviraje

                             II बाबासाहेब आंबेडकर जयंती II
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०४.२०२३-शुक्रवार है. आज  "बाबासाहेब आंबेडकर जयंती" है. बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन को 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले अम्बेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवियित्रीयोको बाबासाहेब आंबेडकर जयंती की बहोत सारी शुभकामनाये. आईए, पढते है, कुछ कविताये-रचनाये.
   
     अम्बेडकर जयंती दलित समाज के लोगो के लिए बहुत महत्वूर्ण रखती है इस दिन को वह लोग बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते है | डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था इसीलिए अम्बेडकर जी की मृत्यु के बाद से ही हर साल उनके लिए उनके जन्म दिवस को अम्बेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है इस दिन भारत में सरकार छुट्टी होती है | इसीलिए हम आपको अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कुछ बेहतरीन व्हाट्सएप्प स्टेटस बताते है जिन्हे आप फेसबुक व्हाट्सएप्प तथा अन्य सोशल मीडिया साइट पर शेयर कर सकते है |

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--नजारों मे नजारा देखा एसा नजारा नही देखा,
आसमान मे जब भी देखा
मेरे भीम जैसा सितारा नही देखा।

--देश प्रेम में जिसने आराम को ठुकराया था
गिरे हुए इंसान को स्वाभिमान सिखाया था
जिसने हमको मुश्किलों से लड़ना सिखाया था
इस आसमां पर ऐसा इक दीपक बाबा साहेब कहलाया था

--फूलो की कहानी बहारो ने लिखी...
रातो की कहानी सितारों ने लिखी...
हम नहीं है किसी के गुलाम...
क्योंकि हमारी जिंदगी,
बाबासाहब जी ने
लिखी!!
जय भिम !

--कर गुजर गये वो भीम थे,
दुनिया को जगाने वाले भीम थे,
हमने तो सिर्फ इतिहास पढा है यारो,
इतिहास बनाने वाले मेरे भीम थे।

--नीले अर्श पर नीली घटा छायी है ....
तेरे करम से बुद्ध की दौलत पायी है....
कोई नही पराया सारे भाई भाई है...
मिल जुलकर रहने मै सबकी भलाई है...
छोड्दो अपना पराया ए जय भिमवालो...
दिल से दिल मिलाने ये भिम जयंती आयी है...

--है ये सारा जहाँ जिनकी शरण में
हमारा है नमन उन बाबा के चरण में
है पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में
आप मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में.

--देश के लिये जिन्हो ने विलाश को ठुकराया था।
गीरे हुये को जिन्होंने स्वाभिमान सिखाया था।
जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया था।
देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था।
आज हम उनकी बातो को आज दिल से अपनायेंगे,च
लो आज हम सब मिलकर आंबेडकर जयंती मनाये।
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.04.2023-शुक्रवार.
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