हमदर्द

Started by mkapale, May 26, 2023, 05:04:02 PM

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mkapale

जब कभी पाओगे तुम खुदको
बंद कमरेमे अकेले और तनहा
जरा ऊपर देखना आँख बंद करके
किरण जैसे आकर चमका दूंगा लम्हा

मेरे होने न होने से फर्क न पड़ेगा
ऐसी रफ़्तार से आऊंगा देखना
तेरे आंसू की बूँद को गिरने न दूंगा
हाँ..बस मुझे याद करना न भूलना

तेरी तकलीफ को , दूर से जान लूँगा
तूने मुस्कुराया को खिलखिला मैं लूंगा
तूने अपने आप को न जाना होगा इतना
एक दिन तेरा आइना मैं बन जाऊँगा

हमसफ़र तो नहीं हमदर्द बन सकता हूँ
तेरी धड़कन नहीं पर साया बन सकता हूँ
मैं धरती तू चन्द्रमा, जियेंगे दूर से पर साथ हम
तेरी वजहसे जज्बात, लेहेरोंसे मेहसूस करता हूँ