बकरी ईद-लेख-1

Started by Atul Kaviraje, June 29, 2023, 05:22:42 PM

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Atul Kaviraje


                                     "बकरी ईद"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९.०६.२०२३-गुरुवार है. आज "बकरी ईद" है. मीठी ईद से लगभग 70 दिनों के बाद बकरीद मनाई जाती है. साल 2023 में भारत में बकरीद का त्योहार 28 जून 2023 को मनाया जाएगा. बकरीद का त्योहार कुर्बानी का संदेश देता है. इसका अर्थ होता है ख़ुदा के बताये गए रास्ते पर चलना. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवियित्रीयोको, और मुस्लिम बंधू-भगीनिको बकरी ईद की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है बकरी ईद महत्त्वपूर्ण लेख.

     साल 2023 में बकरीद कब? जानें इस दिन का इतिहास और महत्व--

     ईद-उल-अजह यानी बकरीद पर मुस्लिम समाज के लोग कुर्बानी देते हैं. ये पर्व इस्लाम धर्म में बलिदान का प्रतीक है. साल 2023 में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद की डेट और क्या है इसका इतिहास.

     साल में दो बार ईद का पर्व मनाया जाता है. एक मीठी ईद और दूसरी बकरीद. ईद-अल-फित्र पर जहां खीर बनाने का रिवाज है वहीं ईद-उल-अजह यानी बकरीद पर मुस्लिम समाज के कुर्बानी देते हैं. ये पर्व इस्लाम धर्म में बलिदान का प्रतीक माना जाता है.

     इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार यह पर्व मीठी ईद के करीब दो महीने के बाद इस्‍लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने में मनाई जाती है. आइए जानते हैं साल 2023 में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद की डेट और क्या है इसका इतिहास.

     मीठी ईद से लगभग 70 दिनों के बाद बकरीद मनाई जाती है. साल 2023 में भारत में बकरीद का त्योहार 28 जून 2023 को मनाया जाएगा. बकरीद का त्योहार कुर्बानी का संदेश देता है. इसका अर्थ होता है ख़ुदा के बताये गए रास्ते पर चलना.

                  बकरीद में क्यों दी जाती है कुर्बानी--

     इस्लाम धर्म के अनुसार आखिरी पैगंबर हजरत इब्राहिम मोहम्मद माने जाते हैं. हजरत मोहम्मद खुदा में पूर्ण के प्रति इतने समर्पित थे कि अपने ही बेटे की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे. कहते हैं कि  इब्राहिम की इबादत से खुश होकर खुदा ने उनकी दुआओं को कुबूल किया और उसके फिर उनकी परीक्षा ली. कहते हैं अल्लाह ने इब्राहिम से उनकी सबसे कीमती और प्यारी चीज की बली देने की मांग की. अल्लाह के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा और प्यार को साबित करने के लिए उन्होंने अपने अजीज बेटे इस्माइल को कुर्बान करना चाहा लेकिन खुदा का करिश्मा यह हुआ की बेटे इस्माइल की जगह तुंबे की कुर्बानी हो गई. इसी घटना के बाद से ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी दी जाने लगी.

                 बकरीद मनाने के नियम--

     ईद-उल-अजहा वाले दिन कुर्बानी दी जाती है और फिर कुर्बानी को तीन भागों में बांटा जाता है, पहला भाग रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को दिया जाता है. दूसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों और तीसरा परिवार के लिए होता है. इस तरह हर साल कुर्बानी का ये त्योहार मनाया जाता है.

--By: ABP Live
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-abp लाईव्ह.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.06.2023-गुरुवार.
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