II गुरु पूर्णिमा II-लेख-2

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2023, 07:47:33 PM

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Atul Kaviraje

                                    II गुरु पूर्णिमा II
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मित्रो,

     आज दिनांक-०३.०७.२०२३-सोमवार है. आज "गुरु पूर्णिमा" है. गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको गुरु पूर्णिमा की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है गुरु पूर्णिमाके महत्त्वपूर्ण लेख.

                गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है ?--

     प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यहां प्रतिवर्ष जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है।

              गुरु पूर्णिमा 2023 में कब है ?--

     गुरु पूर्णिमा सन 2023 में जुलाई की 3 तारीख को है, जी हां 3 तारीख को ही आषाढ़ महीने की पूर्णिमा है. जिस दिन को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है. मुहूर्त की बात करने तो 2 जुलाई को 08:21 से यह शुरू होगी और 3 जुलाई को 05:08 मिनिट पर यह समाप्त हो जाएगी. इसलिए इसे 3 तारीख को पूरा दिन ही मनाया जायेगा.

गुरु पूर्णिमा वर्ष 2023 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
2 जुलाई   08.21 सुबह से शुरू
3 जुलाई   05.08 शाम पर समाप्त

               गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है ?--

गुरु पूर्णिमा के दिन जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़ों का धारण किया जाता है।
मंदिर अथवा घरों में बैठकर गुरु की उपासना की जाती है।
गुरु के पूजन हेतु कई लोग उनकी फोटो के सामने पाठ पूजा करते हैं कई लोग ध्यान मुद्रा में रहकर गुरु मंत्र का जाप करते हैं।
सिख समाज के लोग इस दिन गुरुद्वारे जाकर कीर्तन एवं पाठ पूजा करते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं जिसमें एक वक्त भोजन एवं एक वक्त फलाहार आदि का नियम का पालन किया जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन दान दक्षिणा का आयोजन भी किया जाता है।
खास तौर पर गुरु का सम्मान कर उनका पूजन करने की प्रथा है।

              वर्ष 2023 की गुरु पूर्णिमा में क्या विशेष है ?--

     भारत देश त्योहारों का देश है इस देश में विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं एवं सभी लोगों के लिए त्योहारों का एक विशेष दिन रखा गया है जैसे भाई बहनों के त्योहारों के लिए रक्षाबंधन, माता पुत्र के प्रेम है हर छठ पूजा,पति पत्नी के लिए करवा चौथ आदि का व्रत रखा गया है उसी तरह इस देश में शिष्य एवं गुरु के लिए गुरु पूर्णिमा का विशेष स्थान है।

             गुरु एवम व्यास पूर्णिमा कथा (Guru Purnima Story)--

     हम सबके जीवन में गुरु का बहुत अधिक महत्त्व है. गुरु ही हमारे अन्दर से अज्ञानता का अन्धकार मिटा कर हमारे अन्दर ज्ञान का प्रकाश भरता है. ऐसी मान्यता है कि इस तरह के किसी एक आसाढ़ पूर्णिमा दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. तो उन्ही के नाम पर इसे व्यास पुर्णिमा (vyasa poornima) भी कहा जाता है. इन्हीं ने समस्त मानव जाति को पहली बार वेद का ज्ञान दिया था. पहली बार वेद दर्शन मानव जाति के मध्य लाने की वजह से इनको प्रथम गुरु का दर्ज़ा दिया गया. तब से इस दिन इनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर गुरुपूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है. वेद व्यास महाभारत के रचियता की कहानी जानने के लिए पढ़े.

--By Karnika
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                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.07.2023-सोमवार.
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