दिन-विशेष-लेख-कारगिल विजय दिवस

Started by Atul Kaviraje, July 26, 2023, 04:48:52 PM

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Atul Kaviraje

                                   "दिन-विशेष-लेख"
                                "कारगिल विजय दिवस"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-26.07.2023-बुधवार आहे.  २६ जुलै- हा दिवस "कारगिल विजय दिवस" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

     26 जुलाई, 2022 को कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगाँठ मनाई गई।

     यह दिन कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों को समर्पित है।

                           कारगिल युद्ध:--

                 परिचय:--

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष हुए थे।

वर्ष 1998 में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किये जिससे तनाव और बढ़ गया तथा अंत में 1999 में कारगिल युद्ध हुआ।

कारगिल युद्ध, जिसे कारगिल संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है, वर्ष 1999 के मई-जुलाई के बीच जम्मू और कश्मीर के कारगिल (अब लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश में एक ज़िला) ज़िले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर लड़ा गया था जिसमें भारत को जीत मिली थी।

                   ऑपरेशन विजय:--

वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान ने शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर मुद्दे को पारस्परिक रूप से हल करने के लिये लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किये।

हालाँकि पाकिस्तानी सैनिकों ने ऑपरेशन बद्र के तहत नियंत्रण रेखा (LOC) के भारतीय पक्ष की ओर घुसपैठ करना शुरू कर दिया, इस उम्मीद में कि सियाचिन में भारतीय सैनिकों को पराजित कर दिया जाएगा।

जबकि भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू करके जवाब दिया।

3 मई, 1999 को पाकिस्तान ने यह युद्ध तब शुरू किया जब उसने लगभग 5,000 सैनिकों के साथ कारगिल के चट्टानी पहाड़ी क्षेत्र में उच्च ऊँचाई पर घुसपैठ की और उस पर कब्ज़ा कर लिया।

जब भारत सरकार को इस विश्वासघात की जानकारी मिली तो भारतीय सेना द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाले घुसपैठियों को वापस खदेड़ने के लिये 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया गया था।

                   राष्ट्रीय युद्ध स्मारक:--

     इसका उद्घाटन वर्ष 2019 में किया गया, यह इंडिया गेट से लगभग 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। इसमें मुख्य तौर पर चार संकेंद्रित वृत्त शामिल हैं, जिनका नाम है:--

अमर चक्र' या अमरता का चक्र,
'वीरता चक्र' या वीरता का चक्र,
'त्याग चक्र' या बलिदान का चक्र,
'रक्षक चक्र' या सुरक्षा का चक्र।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का प्रस्ताव पहली बार 1960 के दशक में बनाया गया था।

         स्मारक उन सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये:--

1962 में भारत-चीन युद्ध
वर्ष1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध
श्रीलंका में भारतीय शांति सेना संचालन 1987-90
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध

     राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों को भी याद करता है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, मानवीय सहायता आपदा राहत (HADR) संचालन, आतंकवाद विरोधी अभियान और कम तीव्रता वाले संघर्ष संचालन (एलआईसीओ) में भाग लिया तथा सर्वोच्च बलिदान दिया।

                        (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-द्रीष्टी ias.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.07.2023-बुधवार.
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