मोहरम-लेख-2

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2023, 06:02:49 PM

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Atul Kaviraje


                                       "मोहरम"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९.०७.२०२३-शनिवार है. आज "मोहरम" है. ताज़िया : बाँस की कमाचिय़ों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान सुनी लोग हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और दसवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी मुस्लिम भाई बहनोको मै यह दिन समर्पित करता हू. आईए, पढते है मुहर्रम पर महत्त्वपूर्ण लेख.

     मुहर्रम कब है 2023 ME MUHARRAM KAB HAI 2023 मुहर्रम क्यों मनाया जाता है मोहर्रम ताजिया कब है मोहर्रम का चालीसवां कब है इमाम हुसैन कर्बला वाकया स्टोरी इन हिंदी

     इस्लाम धर्म के मुख्य पर्व में से एक त्यौहार मुहर्रम भी है बकरीद ख़त्म होने के कुछ दिन बाद ही मुहर्रम का त्यौहार ताजिया, जुलुस, ढोल, लकड़ी खेला इत्यादि के साथ मनाया जाता है

     अभी हाल में ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्यौहार ख़त्म हुआ है ऐसे में मुहर्रम का त्यौहार मनाने की तैयारी शुरू हो जाती है आगे मुहर्रम कब है 2023 में जाने

     मुहर्रम (मोहर्रम) को मातम का त्यौहार भी कहा जाता है गम इसलिए मनाया जाता है क्योंकि मुहर्रम के 10वी तारीख को ही हजरत इमाम हुसैन (रजी.) की शहादत हुई थी

                 मुहर्रम कब है 2023--

     हर साल मुहर्रम इस्लाम धर्म के मुहर्रम महीने में मनाया जाता है यह इस्लाम के 12 महीना का पहला महीना है मुहर्रम पुरे 10 दिन का होता है जिसमे सातवा, नौवा दसवा मुहर्रम का अधिक महत्वपूर्ण है मोहर्रम के 40 दिन बाद मुहर्रम चालीसवा भी मनाने का रिवाज है

मुहर्रम 28 और 29 जुलाई आने वाला है
आखिरी MUHARRAM 10 तारीख को मनाया जाता है
40 दिन बाद चालीसा मुहर्रम मनाने का रिवाज है
चालीसा मुहर्रम बहुत कम स्थान पर मनाया जाता है
सातवा आठवा नौवा और दसवा मुहर्रम इस्लाम में ख़ास अहमियत रखता है

                मुहर्रम क्यों मनाया जाता है--

     MUHARRAM KYU MANAYA JATA HAI IN HINDI: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, मुहर्रम महीना, हिजरी संवत् का प्रथम महीना है। इस्लाम धर्म के पैगम्बर मुहम्मद साहब (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के नवासे इमाम हुसैन (रजी0) एंव उनके साथियों की शहादत मुहर्रम के महीने में हुई थी।

     जालिमो ने शहदात का जाम पिलाने से पहले एक बूंद पानी भी न दिया इसलिए ही इस्लाम धर्म के अनुयायी, मुहर्रम को इमाम हुसैन (रजीO) के शहीद होने के गम में मनाते है। सरल और सीधे भाषा में कहे तो मुहर्रम, शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों का कर्बला में शहीद होने के गम में याद करके मनाया जाता है

"क़त्ल-ए-हुसैन अस्ल में मर्ग-ए-यज़ीद है
इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद"

--By Gorakhpur Hindi
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-गोरखपूर हिंदी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.07.2023-शनिवार.
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