मोहरम-लेख-3-B

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2023, 06:06:47 PM

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Atul Kaviraje


                                        "मोहरम"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९.०७.२०२३-शनिवार है. आज "मोहरम" है. ताज़िया : बाँस की कमाचिय़ों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान सुनी लोग हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और दसवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी मुस्लिम भाई बहनोको मै यह दिन समर्पित करता हू. आईए, पढते है मुहर्रम पर महत्त्वपूर्ण लेख.

     फिर भी यजीद के 80000 की फ़ौज, इमाम हुसैन (रजीO) के 72 सिपाही को क़त्ल करने पर आमदा थे मजबूरन 80000 यजीदी फ़ौज के सामने इमाम हुसैन (रजीO) के 72 सिपाही लड़ कर शहादत का जाम पी गए। लेकिन यजीद की फ़ौज के सामने इमाम हुसैन (रजीO) के सिपाही घुटने नहीं टेके जिसकी मिसाल दुशमन फ़ौज के सिपाही एक दसूरे को देने लगे क्योकि ऐसे भी बहुत से सिपाही थे। जो दिल से इमाम हुसैन (रजीO) से जंग नहीं चाहते थे। लेकिन पैसे का लालच कब किसका दिमाग नाश कर दे कोई नहीं जानता।

कर्बला के मैदान से शहीद हुए भाइयो/साथियो/अपने लख्ते जिगरो के शव को हर दिन जंग से उठाकर
इमाम हुसैन (रजीO) दफनाते एंव आखिर दिन यानि दसवी मुहर्रम को अकेले जंग किया
लेकिन फिर भी यजीदी फ़ौज उन्हें शहीद न कर सकी।
आखिर में अस्र की नमाज अदा करते वक्त, जब इमाम हुसैन (रजीO) सज्दे की हालत में थे
उस समय एक यजीदी को लगा सही समय है इमाम हुसैन (रजीO) को मारने का
फिर उसने बुजदिली से शहीद कर दिया।

                कर्बला का वाकया इमाम हुसैन--

     MUHRRAM STORY IN HINDI : इमाम हुसैन (रजीO) हारकर भी जिन्दा है। उनकी याद में इस्लाम का बच्चा बच्चा कर्बला के मैदान को याद करता है। जबकि यजीद जीतकर भी हार गया क्योकि आज यजीद कमबख्त की कब्र कहा है किसी के ढूँढने पर भी पता नहीं चलता।

जंग में यजीद की जीत हुई इमाम हुसैन (रजीO) की हार हुई
इमाम हुसैन (रजीO) के सभी साथी शहादत का जाम पी गए।
शहादत से पहले 72 सिपाही में से किसी भी एक सिपाही को पानी का कतरा भी नसीब न हुआ।
दस दिन की भूख प्यास तड़प उसके बाद शहादत का जाम पीकर
अल्लाह के राह में मुहर्रम की दसवी तारीख को कुर्बान हो गए।
कुछ ऐसी था कर्बला का वाकया इसलिए आज इस्लाम में याद में मुहर्रम मनाया जाता है

--By Gorakhpur Hindi
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-गोरखपूर हिंदी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.07.2023-शनिवार.
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