दिन-विशेष-लेख-अणूबॉम्ब निषेध दिन-A

Started by Atul Kaviraje, August 06, 2023, 04:48:37 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                  "दिन-विशेष-लेख"
                                "अणूबॉम्ब निषेध दिन"
                               --------------------

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-06.08.2023-रविवार आहे.  ६ ऑगस्ट-हा दिवस "अणूबॉम्ब निषेध दिन" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

     जापान गुरुवार यानि छह अगस्त 2020 को अपने दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमले की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। छह अगस्त 1945 को ही सुबह करीब आठ बजे हिरोशिमा पर परमाणु बम का हमला हुआ। ये हमला इतना जबरदस्त था कि इसकी वजह से कुछ ही पल में 80 हजार से ज्यादा लोगों को मौत हुई थी।

     हिरोशिमा में हुए परमाणु बम हमले से जापान उबरा भी नहीं था कि तीन दिन बाद 9 अगस्त को दूसरे शहर नागासाकी में दूसरा परमाणु बम हमला हो गया। इस दिन सुबह के करीब 11 बजे शहर के उपर परमाणु बम गिराया गया। इस हमले में 40 हजार से ज्यादा लोगों की जानें चली गई थी। विस्फोट के बाद रेडियोएक्टिव विकिरण के संपर्क में आने और विस्फोटों के बाद हुई 'काली बारिश' से भी दोनों शहरों में हज़ारों लोगों की मौत हो गई थी।

            एक मिनट के भीतर हिरोशिमा का 80 फीसदी हिस्सा हो गया था राख--

     अमेरिकी वायु सेना ने छह अगस्त की सुबह जिस परमाणु बम को शहर के उपर गिराया था उसका नाम था लिटिल ब्वॉय जबकि नागासाकी के उपर जिस परमाणु बम को गिराया था उसका नाम दिया था फैट मैन। हिरोशिमा में सुबह के करीब 8.15 बजे गिराया गए परमाणु बम से ऐसा धमाका हुआ था कि 43 सेकेंड के भीतर ही शहर का 80 फीसदी हिस्सा राख बनकर हवा में उड़ गया था। हिरोशिमा पर किया गया परमाणु हमला दरअसल 1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर किए गए जापानी सेना के द्वारा हमले का बदला था।

          परमाणु विस्फोट के बाद जीवित बचे 84 लोगों को पीड़ित के रूप में मिली मान्यता--

     हाल ही में हिरोशिमा की एक जिलला अदालत ने परमाणु विस्फोट के बाद हुई 'काली बारिश' से जीवित बचे 84 लोगों को पीड़ितों के रूप में मान्यता दे दी है। अब ये सभी लोग परमाणु विस्फोट के पीड़ितों के रूप में उपलब्ध निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा का लाभ उठा सकते है

                'काली बारिश' क्या है ?--

     इस परमाणु हमले से नष्ट हुई इमारतों का मलबा और कालिख, बम से निकले रेडियोधर्मी पदार्थ के साथ मिलकर वातावरण में एक मशरूम रूपी बादल के रूप में प्रकट हुआ था। ये पदार्थ वायुमंडल में वाष्प के साथ संयुक्त हो गए जिसके बाद काले रंग की बूंदें धरती पर गिरने लगी जिसे 'काली बारिश' कहा गया।

     'काली बारिश' से बचे लोगों ने इसे बारिश की बड़ी-बड़ी बूंदों के रूप में वर्णित किया जो सामान्य बारिश की बूंदों की तुलना में बहुत भारी थी। इस घटना में जीवित बचे लोगों के अनुसार, घटना के शिकार हुए बहुत से लोगों के शरीर की खाल जल गई और लोग गंभीर रूप से निर्जलित (Dehydrated) हो गए।

--न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
--Published by: देव कश्यप
----------------------------------

                       (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-अमर उजाला.कॉम)
                      -------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.08.2023-रविवार.
=========================================