दिन-विशेष-लेख-अणूबॉम्ब निषेध दिन-C

Started by Atul Kaviraje, August 06, 2023, 04:51:56 PM

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Atul Kaviraje

                                   "दिन-विशेष-लेख"
                                 "अणूबॉम्ब निषेध दिन"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-06.08.2023-रविवार आहे.  ६ ऑगस्ट-हा दिवस "अणूबॉम्ब निषेध दिन" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

                     परमाणु शक्ति के विकास का दौर--

       आइए एक नजर डालते हैं विनाशकारी परमाणु शक्ति के विकास का दौर पर:-   

अगस्त 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद से ही परमाणु शक्ति संपन्न बनना यानी परमाणु क्लब का सदस्य बनना किसी भी देश के लिए ताकतवर होने का सूचक बन गया।
16 जुलाई 1945: अमरीका ने न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान के अलामागोर्दो नामक जगह में पहले परमाणु बम का विस्फोट किया। 'ट्रिनिटी टेस्ट' कहे जाने वाले इस परीक्षण से हाइड्रोजन बमों की ताकत की पुष्टि हुई। तीन सप्ताह बाद हिरोशिमा और नगासाकी पर ये बम गिराए गए।
1949: सोवियत संघ ने भी अपने पहले परमाणु बम का विस्फोट किया और इसी के साथ रूस और अमरीका के बीच परमाणु होड़ की शुरुआत हुई।
1952: प्रशांत महासागर में क्रिसमस द्वीप के ऊपर परमाणु बम फोड़ कर ब्रिटेन ने परमाणु क्लब के दरवाजे पर दस्तक दी। द्वीप पर मौजूद अनेक ब्रितानी सैनिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें रक्षात्मक पोशाक नहीं दी गई थी और इसलिए परमाणु विकिरण से उनका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ।
1954: अमरीका ने प्रशांत महासागर में मार्शल द्वीप के पास एक बड़ा परमाणु परीक्षण किया। ब्रेवो नामक इस परीक्षण में 15 मेगाटन का बम फोड़ा गया। इसका असर जापान पर पड़ा जिसे अमरीका ने बाद में हर्जाने के रूप में डेढ़ करोड़ डॉलर दिए।
1957: अमरीका ने लास वेगास से 100 मील दूर एक पहाड़ी सुरंग में अपना पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1960: फ्रांस ने प्रशांत महासागर के टुआमोतो द्वीप समूह में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया।
1962: क्यूबाई मिसाइल संकट के इस वर्ष में सर्वाधिक परमाणु परीक्षण हुए, यानी कोई 200 के करीब इनमें से 95 प्रतिशत अमरीका और रूस ने किए।
1963: अमरीका और सोवियत संघ ने लिमिटेड टेस्ट बैन ट्रीटी नामक एक संधि पर हस्ताक्षर किए। इसमें खुले वातावरण में या समुद्र में परमाणु परीक्षणों की मनाही है। अब तक 100 से ज्यादा देश संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
1964: चीन ने अपने सिंक्यांग प्रांत के लोप नॉर रेगिस्तान में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया।
1966: परमाणु हथियार ले जा रहे दो अमरीकी विमान स्पेन में पालोमेअर्स के ऊपर टकराए। अमरीका को ज़ुर्माने में 18 करोड़ डॉलर से ज्यादा भरने पड़े।
1974: भारत ने पहला भूमिगत सर्वेक्षण किया।
1985: सोवियत संघ ने परमाणु परीक्षणों पर रोक की घोषणा की।
1992: अमरीका ने अपना अंतिम परमाणु परीक्षण किया। डिवाइडर नामक परीक्षण नेवादा रेगिस्तान के एक भूमिगत बंकर में किया गया।
1995: अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद फ्रांस ने प्रशांत महासागर में मुरुरोआ में परीक्षण किए।
1996: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक व्यापक परमाणु परीक्षण निषेध संधि (सीटीबीटी) को मंजूरी दी। सिर्फ भारत ने इसका विरोध किया।
अप्रैल 1998: ब्रिटेन और फ्रांस ने सीटीबीटी की पुष्टि कर दी। अमरीका, रूस और चीन ने संधि पर हस्ताक्षर तो किए लेकिन पुष्टि नहीं की।
मई 1998: भारत ने राजस्थान में पोखरन में पांच परमाणु बम का परीक्षण किया। पाकिस्तान ने भी कुछ ही दिन बाद चगाई पहाड़ियों में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किए।
भविष्य: ईरान और उत्तर कोरिया पर परमाणु कार्यक्रम चलाने का संदेह किया जाता है। इराक को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा था, लेकिन अमरीका और ब्रिटेन के हमले के बाद वहां कोई सबूत नहीं मिला है। इस्राइल के पास 100 के करीब परमाणु हथियार होने की बात की जाती है, हालांकि उसने कोई परीक्षण नहीं किया है।

--न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
--Published by: देव कश्यप
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                      (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-अमर उजाला.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.08.2023-रविवार.
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