स्वतंत्रता दिवस-निबंध-4

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 05:37:19 PM

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Atul Kaviraje

                                   "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है स्वतंत्रता दिवस-15 अगस्त पर निबंध.

     15 अगस्त को भारत को ब्रिटिश साशन से आजादी मिली। 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए महत्वपूर्ण दिन है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत को आजाद करने के लिए कई लोगों ने अपनी जान की क़ुरबानी दी। सभी भारतीय इस पर्व को अपने अलग तरीके से मानते हैं। कुछ लोग उत्सव की जगह को सजाते हैं। कुछ लोग फिल्मे देखते हैं। लोग अपने घर पर झंडा लगते हैं, राष्ट्रगान और देश भक्ति के गीत गाते हैं। कुछ लोग सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करते हैं।

     केंद्र सरकार इस दिन को बड़ी धूम धाम से मनाती है। हिंदुस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इस दिन लाल किले पर झंडा फहराते हैं। उसके बाद भारतीय सेना द्वारा परेड करी जाती है। उसके बाद अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकलती हैं। इस प्रकार आलम देशभक्ति से सरोबार हो जाता है। राज्यों में भी आजादी के दिन को जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन देशभक्ति के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और राज्यपाल मुख्य अतिथि होते हैं। इस आजादी की लड़ाई में सबसे अहम योगदान मोहन दास करमचंद गाँधी उर्फ़ महात्मा गाँधी का रहा। उनके अहिंसा के आंदोलन से 200 साल के लम्बे संघर्ष के बाद भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली। महात्मा गाँधी ने नमक पर लगे टैक्स के खिलाफ दांडी मार्च किया। उन्होंने ब्रिटिश के बने उत्पादों का बहिष्कार करवाया।

     भारत की जनता ने इकट्ठा होकर ब्रिटिश शाशन के खिलाफ अपने हक़ के लिए आंदोलन किया। अलग धर्मो के लोगों ने एकजुट होकर अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाई। कई महिलाओं ने घरेलु जिम्मेदारी छोड़कर आजादी के आंदोलन में अहम योगदान दिया। अरुणा आसफ अली, कमला नेहरू और सरोजिनी नायडू नाम की महिलाओं ने स्वतंत्रता के आंदोलन में अहम योगदान दिया। 15 अगस्त 1947 को इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत को 200 साल की गुलामी के बाद आजादी मिली, इसलिए इस आजादी के दिन को आज भी धूमधाम से मनाया जाता है। अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के कारण हम अपने ही देश में गुलाम हो गए थे। धन, जमीन और अनाज से हमारा अधिकार से चला गया था।

     अंग्रेज ज्यादा लगान वसूलते और नकदी फसल की खेती करवाते थे। अंग्रेजों का विरोध करने पर जलियावाला बाग हथियाकाण्ड झेलना पड़ा। भारत की जनता को अंग्रेजों द्वारा प्रताड़ित किये जाने की कहानियों की कमी नहीं हैं। अंग्रेजो ने भारत की जनता को बुरी तरह लुटा। इस का एक उदहारण कोहिनूर हीरा हैं।

--PP Team
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-परीक्षापॉईंट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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