स्वतंत्रता दिवस-निबंध-5

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 05:38:42 PM

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Atul Kaviraje

                                   "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है स्वतंत्रता दिवस-15 अगस्त पर निबंध.

     15 अगस्त को इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया। इस दिन अंग्रेज भारत छोड़ने पर मजबूर हो गए। आजादी 200 सालों बाद भारतवासियों को मिली। इस कारण से आजादी के जश्न को धूम धाम से मनाया जाता हैं। 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश का दिन है। इस दिन स्कूल, कॉलेज और दफ्तर बंद रहते है। 15 अगस्त एक राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन तिरंगा फहराया जाता हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं।

     स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास- अंग्रेजों का भारत पर कब्ज़ा हो जाने के कारण हम अपने ही देश में गुलाम थे। हमारे अनाज, जमीन और धन से हमारा अधिकार छिन गया। अंग्रेज़ ज्यादा लगान वसूलते और नकद फसल की खेती करवाते थे। अंग्रेजों का विरोध करने पर जल्लियावाला बाघ हत्याकांड को अंजाम दिया गया।अंग्रेजों द्वारा भारतवासियों को प्रताड़ित करने की कहानियों की कमी नहीं है। यह स्वतंत्रता सेनानियों की हिम्मत और आंदोलन का नतीजा हैं कि हम आजाद हैं। अंग्रेजों के भारत माता को लूटने का सबसे बड़ा उदाहरण कोहिनूर है। यह कोहिनूर आज अंग्रेजों की रानी के ताज की शोभा बड़ा रहा है। भारत में अतिथि देवो भवा की परंपरा है। यही कारण हैं कि जब भी अंग्रेज़ भारत आते हैं हम उनका स्वागत करते हैं।

     आज़ादी के लिए लोगों का योगदान- भारत की आजादी के सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे मोहन दास करमचंद गांधी। उनका आजादी के आंदोलन में अतुल्य योगदान रहा। वह जनता में बेहद लोकप्रिय थे। उन्होंने अहिंसा के साथ आजादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया। महात्मा गांधी ने देश से कई घटिया रिवाजों को दूर किया। लोग महात्मा गांधी को बापू कहते थे। साइमन कमीशन के विरोध में लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी। उन पर लाठीचार्ज किया गया था। इससे आहात होकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने सांडर्स की हत्या कर दी। इसके बाद इन तीनों को फांसी की सजा हुई। इन तीनों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुती दे दी। सुभाष चंद्र बोस और बाल गंगाधर तिलक ने आजादी की लड़ाई में अतुल्य योगदान दिया।

     स्वतंत्र का पर्व- सभी लोगों के इस स्वतंत्रता के पर्व को मानाने के अलग तरीकें हैं। आजादी के दिन से एक हफ्ते पहले बाजारों में रौनक आ जातीं है। कोई तीन रंगों की रंगोली खरीदता है तो कोई तीन रंगों की लाइटें खरीदता है। इन रंगों में पूरा समां समा जाता है। सब जगह ख़ुशी का माहौल होता है। लोग देशभक्ति के गीत सुनते हैं। सभी धर्म के लोग इस पर्व को एकजुट होकर मनाते हैं।

               निष्कर्ष--

     15 अगस्त के दिन लोग देश के अच्छे नागरिक होने का संकल्प लेते हैं। लोगों में देशभक्ति की भावना उभर कर आती है। लोग राष्ट्र गान गाकर अपना जीवन देश के लिए जीने का संकल्प लेते हैं। इस दिन भारत माता की जय और जय हिन्द जैसे नारे लगाए जाते हैं।

--PP Team
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-परीक्षापॉईंट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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