पारसी नव वर्ष-पतेती-लेख-2

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2023, 11:37:23 AM

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Atul Kaviraje

                                "पारसी नव वर्ष-पतेती"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१६.०८.२०२३-बुधवार है. आज "पारसी नव वर्ष-पतेती" है. हर साल पारसी न्यू ईयर 21 मार्च और 16 अगस्त को मनाया जाता है। पारसी समुदाय के लोगों के लिए नवरोज का पर्व आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। दुनियाभर में पारसी न्यू ईयर 16 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मराठी कविताके मेरे सभी पारसी भाई-बहनॊ को पतेतीकी बहोत सारी दिली शुभ-कामनाये. आइये पढते है महत्त्वपूर्ण लेख.

    Nowruz 2023: पारसी नववर्ष का पहला दिन है नवरोज, जानिए कब और कैसे मनाया जाता है ये पर्व--

     Parsi New Year 2023: आज यानी 16 अगस्त 2023 को पारसी समुदाय के लोग दुनियाभर में अपना नववर्ष पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। पारसी समुदाय के नववर्ष को नवरोज कहा जाता है। जिसे जमशेदी नवरोज, नवरोज, पतेती और पारसी नव वर्ष के तौर पर जाना जाता है। इसी उपलक्ष्य में गूगल ने भी डूडल बनाकर नवरोज 2023 की शुभकामनाएं दी हैं। पारसी समुदाय के लोगों के लिए नवरोज का पर्व आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। जिस तरह से हिंदू धर्म में चैत्र माह से नए साल की शुरुआत होती है, ठीक उसी तरह नवरोज से पारसी समाज में नए साल का उदय होता है। नवरोज दो पारसी शब्दों नव और रोज से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है- नया दिन। यानी कि नवरोज के त्योहार के साथ पारसी समुदाय के नए साल की शुरुआत होती है। इस दिन से ही ईरानी कैलेंडर की भी शुरुआत होती है। ऐसे में चलिए इसके इतिहास और परंपरा के बारे में जानते हैं...

     पारसी नववर्ष का पहला दिन है नवरोज, जानिए कब और कैसे मनाया जाता है ये पर्व--

     नवरोज का उत्सव पारसी समुदाय में पिछले तीन हजार साल से मनाया जाता रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वैसे तो एक साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन पारसी समुदाय के लोग 360 दिनों का ही साल मानते हैं। साल के आखिरी पांच दिन गाथा के रूप में मनाए जाते हैं। यानी इन पांच दिनों में परिवार के सभी लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं।

               नवरोज का इतिहास--

     मान्यताओं के अनुसार पारसी धर्म को मानने वाले लोग नवरोज का पर्व राजा जमशेद की याद में मनाते हैं। कहा जाता है कि करीब तीन हजार साल पहले पारसी समुदाय के एक योद्धा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी। तब से आज तक लोग इस दिन को नए साल के रूप में मनाते हैं। ये भी कहा जाता है कि इसी दिन ईरान में जमदेश ने सिंहासन ग्रहण किया था।

               कैसे मनाते हैं ये पर्व ?--

     नवरोज के दिन पारसी धर्म को मानने वाले लोग सुबह जल्दी उठकर तैयार हो जाते हैं। इस दिन घर की साफ-सफाई करके घर के बाहर रंगोली बनाई जाती है। फिर खास पकवान बनाए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन एक-दूसरे के प्रति प्रेम व्यक्त करने के लिए आपस में उपहार भी बांटते हैं। साथ ही पारसी लोग चंदन की लकड़ियों के टुकड़े घर में रखते हैं। ऐसा करने के पीछे उनकी ये मान्यता है कि चंदन की लकड़ियों की सुगंध हर ओर फैलने से हवा शुद्ध होती है।

--धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
--Published by: आशिकी पटेल
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अमर उजाला.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-16.08.2023-बुधवार.
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