नाग पंचमी-निबंध-3

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:06:41 PM

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Atul Kaviraje


                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण निबंध.

     सृष्टि अपने आप में अनुशासित है अर्थात प्रकृति सभी प्राणियों और पर्यावरणीय तत्वों में संतुलन बनाए रखती है। यह संतुलन योजनाबद्ध तरीके से तब तक कायम रहता है जब तक मनुष्य अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए इसमें आवश्यकता से अधिक हस्तक्षेप नहीं करता है।

     इस संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने हमारी संस्कृति को इस प्रकार विकसित किया कि प्रकृति का संतुलन बना रहे और मनुष्य अपना वर्चस्व भी बनाए रखे।

     भारतीय संस्कृति में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए धार्मिकता का आधार लेते हुए सभी जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों को सम्मान देने की परंपरा विकसित की गई है। यह परंपरा हमारे तीज-त्योहारों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जिनमें से एक है "नाग पंचमी" का त्यौहार।

     आज के लेख में हम नाग पंचमी पर हिंदी में छोटे-बड़े निबंध (Nag Panchami Essay In Hindi) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन में उपयोगी साबित होंगे।

                नाग पंचमी पर निबंध –

     हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही कई त्योहार मनाने की प्रथा रही है, जिनमें से एक है "नाग पंचमी" जिसमें प्राचीन काल से ही नागों को विशेष महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सांप को अपने गले में माला की तरह धारण करते हैं, मान्यताओं के अनुसार सांप भगवान शिव को बहुत प्रिय है।

     वैसे तो नाग पंचमी सभी प्रकार के सांपों के लिए मनाई जाती है, लेकिन भारत में नाग यानी ब्लैक इंडियन कोबरा को सांपों का राजा मानकर अधिक महत्व दिया जाता है।

     हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। पूरे सावन महीने में लोग पूरी तरह से भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और सावन महीने के बीच में नाग पंचमी विशेष उत्सव के रूप में मनाई जाती है। नाग पंचमी में भगवान शिव के शिवलिंग और उनके गले में हमेशा लिपटे रहने वाले सांप का विशेष महत्व होता है।

     सावन महीने के पंचमी तिथि को "नाग पंचमी" के रूप में  मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है और इस दिन सांपों का दर्शन करना शुभ फलदायी माना जाता है।

     नाग पंचमी के दिन सांप का दिखना बहुत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इस दिन सांप की पूजा करने से सांप के काटने का डर नहीं रहता है और नाग देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं।

     वर्तमान समय में इंसान अपनी इंसानियत को भूलकर देवता माने जाने वाले सांपों की तस्करी और उनकी खाल, जहर आदि की तस्करी जैसे काम करने लगा है, जिससे न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है, बल्कि सांपों की प्रजाति पर भी असर पड़ता है।

     यही कारण है कि सरकारों ने अब किसी भी तरह के सांपों को पकड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, यहां तक कि अब सरकार ने सपेरों पर भी कई नियम लागू कर दिए हैं ताकि सांपों की लुप्त होती प्रजातियों को बचाया जा सके।

                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-छोटी बडी बाते.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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