नाग पंचमी-निबंध-4

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:08:36 PM

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Atul Kaviraje

                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण निबंध.

                       नाग पंचमी पर निबंध –

               प्रस्तावना:--

     नाग पंचमी हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है जिसे पूरे भारत में बड़ी आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही सांप हमारी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इस दिन नाग धारण करने वाले भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है। नागों को शक्ति और सूर्य का अवतार भी माना जाता है।

             नाग पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है?--

     हमारी संस्कृति में कई अन्य पशु-पक्षियों को भी पूजनीय माना गया है और सर्प पूजा भी प्राचीन काल से ही चली आ रही है। इसी प्रकार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है, इसलिए यह "नाग पंचमी" के नाम से प्रसिद्ध है। सांपों को समर्पित इस दिन सांपों का दर्शन होना शुभ माना जाता है।

     नाग पंचमी मनाने के पीछे एक पौराणिक कहानी बताई जाती है। कहानी के अनुसार, एक गांव में लीलाधर नाम का एक किसान रहता था जिसके परिवार में उसकी पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी थी। उस किसान के जीवन जीने का एकमात्र सहारा खेती ही थी।

     एक दिन सुबह किसान अपने बैलों पर हल बांधकर खेत की जुताई कर रहा था, इसी बीच उसके हल से जमीन जोतते समय एक सांप का बच्चा मर गया। और जब यह बात नागिन को पता चली तो उसने क्रोधित होकर किसान और उसके परिवार को मारने की ठान ली।

     उसी रात नागिन किसान के घर जाती है और किसान, उसकी पत्नी और उसके तीन बेटों को डसकर मार देती है। लेकिन वह किसान की बेटी को जीवित छोड़ देती है और अगले दिन अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए उस लड़की के पास पहुंचती है। तब उस किसान की बेटी नागिन का इंतजार कर रही होती है और नागिन के स्वागत के लिए वह नागिन को कच्चा दूध और दूध-चावल की खीर चढ़ाती है।

     किसान की बेटी नाग माता के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है और अपने पिता की भूलवश गलती के लिए माफी मांगती है। इस प्रकार किसान की बेटी के विनम्र व्यवहार से नागमाता प्रसन्न हो जाती है, नागमाता को किसान पर दया आ जाती है और वह उस किसान और उसके परिवार को पुनः जीवित कर देती है।

     इसके अलावा नागमाता लड़की को यह भी आशीर्वाद देती हैं कि जो महिलाएं श्रावण शुक्ल पंचमी को नागों की पूजा करेंगी उनकी कई पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी और इसी प्रकार नाग पंचमी की भी शुरुआत मानी जाती है।

             कैसे मनाएं नाग पंचमी?--

     इस दिन सुबह के समय सुगंधित उबटन से स्नान करके साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनकर चांदी के नाग की पूजा की जाती है। घर के मुख्य द्वार पर सांप का चित्र बनाकर उसकी पूजा की जाती है। नागदेव की पूजा सुगंधित पुष्प, कमल और चंदन से ही करनी चाहिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है।

     इस दिन नाग देवता को खीर का भोग लगाया जाता है, जिसके बाद इस खीर को घर के सभी लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

                निष्कर्ष:--

     नाग पंचमी के इस पावन पर्व पर हमें नागों, सर्प की प्रजाति को बचाने का संकल्प लेना चाहिए। यह संकल्प लेकर इस पर्व को मनाने की पहल करनी चाहिए कि हम ऐसे किसी भी उत्पाद का उपयोग नहीं करेंगे जिसमें सांप की खाल का उपयोग किया गया हो।

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-छोटी बडी बाते.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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