नाग पंचमी-निबंध-5

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:09:55 PM

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Atul Kaviraje

                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण निबंध.

                           नाग पंचमी पर निबंध –

                प्रस्तावना:--

     हिंदू कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार सांप भगवान का रूप होता है इसलिए इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से सांप की पूजा करते हैं। सनातन धर्म में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जो लोग नाग की पूजा करते हैं उन्हें सांप कभी नुकसान नहीं पहुंचाते और उनकी सांप के काटने से कभी मृत्यु नहीं होती।

              नाग पंचमी व्रत पूजा एवं विधि:--

     वैसे तो सावन का महीना हिंदू समुदाय में बहुत ही शुभ माना जाता है और यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। सावन के पूरे महीने भक्त पूरी तरह से भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और इस महीने में नाग पंचमी का विशेष त्योहार भी मनाया जाता है। नाग पंचमी में भगवान शिव के शिवलिंग और उनके गले में हमेशा लिपटे रहने वाले सांप का विशेष महत्व होता है।

     नाग पंचमी के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, फिर स्नान करने के बाद घर के मुख्य दरवाजे और बाहरी दीवारों पर सांप की आकृति बनाते हैं और मुख्य द्वार के सामने रंग-बिरंगी रंगोली बनाते हैं, ऐसा करना शुभ माना जाता है।

     सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार नागों को देवताओं की श्रेणी में विराजमान किया गया है। इस दिन सुबह लोग मंदिर जाते हैं और नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल से अभिषेक करते हैं और उन्हें कच्चा दूध, चावल और दूध से बनी मीठी खीर का भोग लगाते हैं। नाग देवता की पूजा के लिए सुगंधित फूल और चंदन का प्रयोग विशेष रूप से पूजा में किया जाता है।

     मंदिर में पुजारी नाग देवता की पूजा के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं और आठ अलग-अलग नाग देवताओं की पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार नाग देवता घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है, इसके अलावा वह घर की लक्ष्मी की भी रक्षा करते हैं।

               नाग पंचमी की कथा:--

     पुराणों में नाग पंचमी से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं जिनका अपना-अपना महत्व है, ऐसी ही एक कथा के बारे में हम विस्तार से जानते हैं। एक शहर में एक व्यापारी रहता था, उसके सात बेटे थे, उन सातों बेटों की शादी हो चुकी थी, उन सात बहुओं में सबसे छोटी बहु विदुषी, सुशील और अच्छे चरित्र वाली महिला थी।

     एक दिन बड़ी बहू ने सभी बहुओं से कहा कि घर लीपने के लिए पीली मिट्टी की जरूरत है। इसलिए हम सब बाहर जाते हैं और खेतों से पीली मिट्टी ले आते हैं। फिर सभी बहुएँ कुदाल और खुरपी लेकर एक साथ खेतों की ओर चल दीं। जब वे बहुएं मिट्टी खोद रही थीं तो अचानक पेड़ के पास से एक काला लंबा चौड़ा सांप निकल आया।

     इतने बड़े सांप को सामने देखकर सभी महिलाएं पूरी तरह से डर गईं। तब बड़ी बहू ने सांप को खुरपी से मारना चाहा लेकिन छोटी बहू ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसने कहा कि सांप को नहीं मारना चाहिए, वह निर्दोष है। यह सुनकर बड़ी बहू को छोटी बहू पर गुस्सा आया, फिर भी छोटी बहू के कहे अनुसार उस सांप को किसी ने नहीं मारा।

     तब छोटी बहू ने सर्प के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हे सर्प देवता, आप यहीं रुकें, मैं घर जाकर आपके लिए दूध ले आती हूं। फिर वहां से सभी बहुएं अपने घर चली गईं। जब वह घर गई तो छोटी बहू घर के कामों में इतनी व्यस्त हो गई कि उसे याद ही नहीं रहा कि उसने सांप को वहीं इंतजार करने के लिए कहा है।

     लेकिन जब उसे अगले दिन यह बात याद आई तो वह दूध लेकर खेत की ओर भागी और देखा कि सांप अभी भी वहीं उसका इंतजार कर रहा था। फिर उसने सांप से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी और कटोरे में दूध अर्पित किया। तब सर्प ने उसे क्षमा कर दिया और कहा कि कल तुमने मेरी जान बचाई थी इसलिये मैं तुम्हें अपनी बहन मानता हूं।

                 निष्कर्ष:--

     नाग पंचमी का त्योहार भारत समेत नेपाल में सभी हिंदू मनाते हैं। यह हिंदू कैलेंडर के श्रावण माह के 5वें दिन मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई/अगस्त के महीने में आता है।

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-छोटी बडी बाते.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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