नाग पंचमी-निबंध-6

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:12:56 PM

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Atul Kaviraje

                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण निबंध.

                         नाग पंचमी पर निबंध--

              प्रस्तावना--

     प्राचीन हिंदू धर्म के अनेकों त्योहारों में से एक है। नाग पंचमी जिसमें प्राचीन काल से ही नांगो को विशेष महत्व दिया जाता है।

     हिंदू धर्म में भगवान शिव ने अपने गले में नाग को किसी माला की तरह धारण किया हुआ है मान्यताओं के अनुसार नाग भगवान शिव के लिए बहुत ही प्रिय है। वैसे तो नाग पंचमी सभी  तरह के सांपों के लिए होती है परंतु भारत में ब्लैक इंडियन कोबरा को सांपों का राजा मान कर ज्यादा महत्व दिया जाता है।

     वैसे तो सावन का महीना बहुत ही पावन माना जाता है इस महीने को भगवान शिव के लिए विशेष रुप से समर्पित माना जाता है लोग पूरे सावन महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना में पूरी तरह डूबे हुए रहते हैं और इसी सावन मास के बीच नाग पंचमी का विशेष त्यौहार मनाया जाता है नाग पंचमी में भगवान शिव के शिवलिंग और उनके गले में हर वक्त लिपट कर रहने वाले सांप का विशेष महत्त्व होता है ।

              नागपंचमी कब मनाई जाती है -

     नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है।

             नागपंचमी क्यों मनाई जाती है -

     नाग पंचमी के दिन नाग का दर्शन अति शुभ माना जाता है कहा जाता है इस दिन नागों की पूजा करने से नांगो द्वारा काटे जाने का भय नहीं होता और नाम हमेशा प्रसन्न रहते हैं।

     एक कहानी के अनुसार किसी गांव में एक किसान था जिसके परिवार में वह उसकी पत्नी उसके 3 पुत्र एक पुत्री थी।

     उस किसान के पास अपना जीवन यापन करने के लिए खेती किसानी ही एकमात्र सहारा था एक सुबह किसान अपने बैलों पर हल बांधकर खेत जोत रहा था इसी बीच उसके हल से भूमि जुदाई करते हुए एक सांप के बच्चे की मृत्यु हो गई। और जब इस बात की खबर नागिन को हुई तो वह क्रोध से आग बबूला होकर किसान व उसके परिवार को मारने का निर्णय लेती है।

     उसी रात्रि नागिन उस किसान के घर जाकर किसान उसकी पत्नी उसके तीन पुत्रों को डस कर मार देती है परंतु मैं उसकी पुत्री को जीवित ही छोड़ देती है और अगले दिन वह अपने पुत्र की मृत्यु का बदला लेने उसकी पुत्री के पास पहुंचती है तब उस किसान की पुत्री नागिन का इंतजार ही कर रही होती है और नागिन के स्वागत में वह कच्चा दूध एवं दूध और चावल की खीर नागिन को भेट करती है।

     किसान की पुत्री द्वारा किए गए इस व्यवहार से नागिन चकित व प्रसन्न होती है और किसान की पुत्री अपने पिता की भूलवश हुई गलती की क्षमा मांगती है इस तरह नागिन को किसान पर दया आ जाती है और नागिन उस किसान वह उसके परिवार को पुनः जीवित कर देती है।

     और इसी प्रकार नाग पंचमी की भी शुरुआत मानी जाती है।

--by Luv
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ऑनलाईन हीतम.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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