नाग पंचमी-निबंध-7

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:14:21 PM

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Atul Kaviraje


                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण निबंध.

            कैसे मनाएं नाग पंचमी--

     नाग पंचमी के दिन लोग घरों की सफाई कर दीवार पर चुना या गेरू लगाते हैं एवं फर्श में भी गोबर लीपते है। इसके बाद घर के दरवाज़े की बाहरी दीवारों पर सांप की आकृति बनाते हैं और रंगोलियां बनाते हैं ऐसा करना शुभ माना जाता है।

     नाग देवता की पूजा के लिए सुगंधित फूल और चंदन विशेष तौर पर पूजा में उपयोग किया जाता है।

            नाग पंचमी व्रत पूजन--

     सनातन धर्म की मान्यता अनुसार नागों को देवता कि श्रेणी में माना गया है इस दिन सुबह प्रातः काल स्नान कर लोग मंदिर जाकर नाग देवता को सुगंधित दूध व जल अभिषेक करा कर उन्हें कच्चा दूध और चावल दूध से बनी हुई मीठी खीर अर्पित करते हैं।

     एवं पुरोहित नाग देवता की पूजा के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं और आठ अलग-अलग नाग देवताओं की पूजा करते हैं।

     मान्यता के अनुसार नाग देवता खुश होकर आशीर्वाद देते हैं और सर्पदंश का डर खत्म हो जाता है इसके अलावा भी वह घर की लक्ष्मी की रक्षा करते हैं।

              उपसंहार (conclusion)--

     पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नाग देवता की पूजा व उनका दर्शन बहुत ही लाभप्रद होता है प्राचीन समय में नाग पंचमी के दिन नागो को प्रसन्न करना शुभ माना जाता था।

     परंतु वर्तमान समय में इंसान अपनी इंसानियत भूल कर देवता माने जाने वाले सांपों की तस्करी व उनकी खाल, ज़हर, आदि की तस्करी जैसे कामों को करने लगे हैं जिससे ना केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है बल्कि सांपों की प्रजातियों पर भी असर पड़ने लगा है यही कारण है कि सरकारों ने अब किसी भी प्रकार के सांपों को पालने पकड़ने पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है यहां तक की अब सपेरों पर भी सरकार ने कई नियम लागू कर रखे हैं। जिससे सांपों की लुप्त होती हुई प्रजाति को बचाया जा सके।

     सांपो के साथ साथ अन्य सभी तरह के कीमती व अनोखे वन्य प्राणि या उनकी खाल दांत आदि की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक की जाने लगी है और हम सभी को अपनी जिम्मदारियों का एहसास करते हुए जानवरों की खाल दांत आदि से बने पर्स, जूते का उपयोग नहीं करना चाहिए।

--by Luv
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ऑनलाईन हीतम.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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