नाग पंचमी-लेख-1

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:17:41 PM

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Atul Kaviraje


                                       "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर महत्त्वपूर्ण लेख.

          Nag Panchami 2023-नागपंचमी की सही तारीख, पूजा विधि और महत्व जानें--

     नागपंचमी का सावन के महीने में विशेष महत्व है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन काल सर्प दोष से पीड़ित लोग भी पूजा पाठ करते हैं। आइए जानते हैं नागपंचमी की तारीख और मुहूर्त कब से कब तक है।

     सावन में आने वाली नागपंचमी का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में सांप को भी देवता माना जाता है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। सावन में वैसे दो नाग पंचमी की तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष की । अब शुक्ल पक्ष की नागपंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को है। आइए जानते हैं नागपंचमी तिथि का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि।

              नागपंचमी तिथि और मुहूर्त--

     शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ रात में 12 बजकर 23 मिनट से होगा और 21 तारीख की मध्य रात्रि 2 बजकर 1 मिनट तक रहेगी।

             नाग पंचमी की पूजन विधि--

नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। जिन नाग की पूजा की जाती है उनके नाम वासुकि, अनंत, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख है।

चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करना चाहिए। अगले दिन यानी पंचमी तिथि के दिन व्रत रखें। व्रत समापन के बाद पंचमी को रात का भोजन किया जा सकता है।

नागपंचमी के दिन पूजा के लिए पहले एक लकड़ी की चौकी लेकर मिट्टी से नाग देवता की प्रतिमी बनाएं।

इसके बाद नाग देवता पर हल्दी , सिंदूर, चावल और फूल चढ़ाएं और कच्चे दूध में घी, चीनी मिलाकर नाग देवता का अभिषेक करें।

पूजा समाप्त होने के बाद अंत में नाग देवता की कथा का पाठ करें और आरती करें।

साथ ही इस दिन किसी गरीब को दान जरूर दें।

               नाग पंचमी का महत्व--

     मान्यताओं के अनुसार, नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति को नागों का भय नहीं रहता है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें भी इस दिन पूजा करने से थोड़ी राहत मिलती है। अन्य मान्यताओं के अनुसार, सांप को दूध से नहलाने और दूध पिलाने से दैवीय कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा घर के दरवाजे पर सांप का चित्र बनाने की भी परंपरा है।

--Edited By-आयुषी त्यागी
--नवभारतटाइम्स.कॉम
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-नवभारत टाइम्स.इंडिया टाइम्स.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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