श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-2

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:39:01 PM

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Atul Kaviraje

                                     "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध.

                    कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध--

           परिचय--

     गोपियों के प्रिय श्री कृष्ण के भजन कीर्तन और गीतों के जरिए उनका आचरण और कहानियां विश्व विख्यात है.  जिसके कारण  श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को एक त्योहार के रूप में विश्व भर में मनाया जाता है. यह सनातन संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है, अतः इस दिन पर सभी हिंदू घरों में उपवास रखे जाने की पंरपरा है.

            भारत के विभिन्न स्थान पर कृष्ण जन्माष्टमी--

     भारत के हर प्रांत की अपनी अलग भाषा और अपनी अलग संस्कृती है. भारत रंगीन (रंगो से भरा) देश है. इसमें सभी राज्य के रीति रिवाज, परंपरा एक दूसरे से असमानता रखते हैं. इसलिए भारत के भिन्न-भिन्न प्रांतों में कृष्ण जन्माष्टमी का विभिन्न स्वरूप देखने को मिलता है.

            महाराष्ट्र की दही हांडी--

     दही हांडी की प्रथा की शुरुआत मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात से शुरू हुई. बढ़ती लोकप्रियता के कारण दही हाड़ी उत्सव आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुकी है. जन्माष्टमी के दिन विदेशी पर्यटक खासकर मुंबई की दही हाड़ी कार्यक्रम देखने के लिए भारत आते है. दुष्ट कंस द्वारा अत्याचार स्वरूप सारा दही और दुध मांग लिया जाता था. इसका विरोध करते हुए श्री कृष्ण ने दुध-दही कंस तक न पहुंचाने का निर्णय लिया. इस घटना के जन्माष्टमी में दही हांडी का उत्सव मटके मे दही भरकर मटके को बहुत ऊचाई पर टांगा जाता है तथा फिर गोविंदा यानी युवकों की टोली द्वारा उसे फोड़ कर मनाया जाता है.

            मथुरा और वृदावन की अलग छटा--

     वैसे तो जन्माष्टमी का त्योहार विश्व भर (जहां सनातन संस्कृति को मानने वाले हैं) में मनाया जाता है, लेकिन यूपी के मथुरा और वृदावन में प्रमुख रूप से मनाया जाता है. यहां कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रासलीला का आयोजन किया जाता है. देश-विदेश से लोग इस रासलीला के सुंदर अनुभव का आनंद उठाने आते हैं.

             दिल्ली में एस्कॉन मंदिर की धूम--

     देश भर के कृष्ण मंदिरों में दिल्ली का एस्कॉन मंदिर प्रसिद्ध है. इस दिने मंदिरों में आकृर्ष साज सज्जा की जाती है. मंदिर में करीब दो माह पूर्व से जन्मोत्सव की तैयारी शुरू कर दी जाती है. उत्सव के दिन विशेष प्रसाद वितरण तथा भव्य झांकी निकाली जाती है. जिसे देखने और भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है. इस भीड़ में आम जनता के साथ देश के जाने माने कलाकार, राजनीतिज्ञ तथा व्यवसायी भगवान कृष्ण के आशिर्वाद प्राप्ति की कामना से पहुंचते हैं.

             देश के अन्य मंदिर के नज़ारे--

     भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का कृष्ण भक्तों द्वारा नाट्य रूप में मंदिरों में प्रस्तुत किया जाता है. मुंबई में दही हांडी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. माखन मिश्री वाली हांडी को कई सौ फीट उपर लटकाया जाता है. जिसे गोविंदाओं की टोली द्वारा घोड़ी बनाकर फोड़ा जाता है. मुंबई की दही हाड़ी कार्यक्रम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. दिन ब दिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. दही-हांडी या मटकी फोड़ने की रस्म भक्तों के दिलों में भगवान श्रीकृष्ण की यादों को ताजा कर देती हैं.

              निष्कर्ष--

     श्री कृष्ण यादव समाज के आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं. इस कारणवश भारत के अलग-अलग क्षेत्र में कोई दही हांडी फोड़ कर मनाता है, तो कोई रासलीला करता है. इस आस्था के पर्व में भारत देश भक्ति में सराबोर हो जाता है.

                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-न्युज मग.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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