श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-8

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:49:07 PM

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Atul Kaviraje


                                    "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर निबंध.

     हेलो नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी लोगों का इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर हिन्दी में निबंध || Krishna Janmashtami per nibandh 2023 अगर यह पोस्ट आप लोग अंत तक पढ़ लेते हैं तो बहुत कुछ सीखने को मिल जाएगा और यह आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए गा और ज्यादा से ज्यादा अपने मित्रों में शेयर करें ताकि यह जानकारी उन्हें भी मिल सके और वह भी पढ़ सकें

     जन्माष्टमी पर्व, हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनता है।

     जन्माष्टमी का पर्व हिन्दू पंचांग के भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की आष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, उनके गुणों का गुणगान करते हैं और उनके बाल लीलाओं का आयोजन करते हैं। मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटती है और विशेष भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

     जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखकर नियमित रूप से उपवास करते हैं और रात्रि में जन्मस्थल पर जाकर पूजा अर्चना करते हैं। मनाये जाने वाले खास प्रसाद में मक्खन, पांडवी, पेड़ा, मिठाई आदि शामिल होते हैं।

     इस पर्व का महत्व उसकी धार्मिक महत्वता के साथ-साथ सांस्कृतिक और कला संस्कृति में भी है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण की अनेक रूपरेखाओं का प्रदर्शन इस पर्व के दौरान होता है।

     ऐसे में, जन्माष्टमी पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कला संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।

              कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On Janmashtami 2023--

            प्रस्तावना--

     जन्माष्टमी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी ने कृष्ण रूप लेकर धरती पर अवतार लिया था। इसलिए कृष्ण जी के जन्म के उपलक्ष में जन्माष्टमी का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के सभी छोटे बड़े मंदिरों यहां तक की घर – घर में भगवान कृष्ण जी पालकी सजा कर उन्हें झूला दिया जाता है। वहीं राधा कृष्ण मंदिरों की रौनक देखते ही बनती है. मंदिरों में तो विशेष प्रकार की साज – सज्जा देखने को मिलती है। और विभिन्न जगह दही हांडी प्रतियोगिता रखी जाती है.

     मंदिरों में मुख्य रूप से माखन मिश्री का प्रसाद बांटा जाता है। बरसाने, मथुरा में तो ऐसा उत्सव का माहौल रहता है कि लोग हरी कीर्तन करते हैं और रंग – गुलाल भी खेलते हैं। जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत पूजन करते हैं और मध्य रात्रि के बाद भगवान की पूजा के बाद ही अपना उपवास खोलते हैं।

--Shiva
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                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अपबोर्ड.लाईव्ह)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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