श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-11

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:53:29 PM

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Atul Kaviraje

                                     "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर निबंध.

             कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On Janmashtami 2023--

          भगवान श्री कृष्ण का सबसे अच्छा संदेश क्या है--

     भगवान कृष्ण का सबसे अच्छा संदेश 'भगवद गीता' में प्रस्तुत है। उनके द्वारा गीता में दिए गए संदेशों में से एक मुख्य संदेश है:--

अपना धर्म निभाना, भले ही अपूर्ण हो, दूसरे का धर्म करने, भले ही पूर्णता से करने से बेहतर है। अपने जन्मजात कर्तव्यों का पालन करने से व्यक्ति को पाप नहीं लगता है।

कर्मयोग और समर्पण: भगवान कृष्ण ने गीता में कर्मयोग का महत्व बताया, जिसका अर्थ है कार्य करने में लगे रहना और फल की चिंता छोड़ देना। वे कहते हैं कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिए बिना चिंता के कि परिणाम क्या होगा। यह संदेश हमें समर्पण और सच्चे कर्म का मार्ग दिखाता है।

भगवद गीता में भगवान कृष्ण ने और भी अनेक महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं जैसे कि जीवन का अर्थ, धर्म का पालन, समय का महत्व, आत्मा का ज्ञान आदि। इन संदेशों के माध्यम से वे हमें सच्चे जीवन के मार्ग की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

            भगवान श्री कृष्ण का जन्म क्यों हुआ?--

     हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धरती से पापों का बोझ नष्ट करने के लिए जन्म लिया था।

     माखन मट्टी के घर में हुआ था और यह उनके आवतार की एक महत्वपूर्ण घटना है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म विष्णु भगवान के आवतार के रूप में हुआ था ताकि वे धरती पर आकर अधर्म की हानि करके धर्म की स्थापना कर सकें।

     भगवान श्रीकृष्ण का जन्म गोकुल नामक गांव में हुआ था, जिसका संचार बहुत ही खास तरीके से हुआ था। उनकी माता यशोदा जी के यहाँ वे उनके पालक माता-पिता के रूप में जन्म लेने के लिए आए थे। उनका जन्म बृहस्पतिवार (गुरुवार) को हुआ था, जिसे हम जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं।

     भगवान श्रीकृष्ण का आवतार, उनके लीलाओं और उनके संदेशों का प्रचार करने के लिए हुआ था। वे गीता के माध्यम से अर्जुन को मानव जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझाते हैं और मानवता के लिए सच्चे धर्म की ओर मार्गदर्शन करते हैं।

              जन्माष्टमी को सरल शब्दों में क्या कहते हैं--

     जन्माष्टमी, भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) महीने के अंधेरे पखवाड़े के आठवें (अष्टमी) दिन भगवान कृष्ण के जन्म का  जश्न मनाने वाला हिंदू त्योहार ।

     जन्माष्टमी एक हिन्दू त्योहार है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की जन्म की खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग उनके मंदिरों में जाकर पूजा आराधना करते हैं, भजन कीर्तन करते हैं और उनके बालक लीलाओं का स्मरण करते हैं। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें भगवान के संदेशों का मानवता के लिए मार्गदर्शन भी किया जाता है।

--Shiva
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                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अपबोर्ड.लाईव्ह)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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