श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-14

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:57:50 PM

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Atul Kaviraje

                                   "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर निबंध.

                कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On Janmashtami 2023--

          कृष्ण को नंदलाल क्यों कहा जाता है?--

     "नंदलाला" भगवान श्रीकृष्ण का एक प्रिय उपनाम है जो उनके नाना नंद और नानी यशोदा के नाम से जुड़ा होता है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म गोकुल नामक गांव में हुआ था और उनके आवतार के समय उनके पालक माता-पिता नंद और यशोदा ने उनकी देखभाल की थी।

     "नंदलाला" का अर्थ होता है "नंद की लाल" या "नंद की प्रिय उपलब्धि"। इस नाम से भगवान की नन्नी यशोदा की लगाव और प्यारी व्यवहारिक रिश्ता को दर्शाया जाता है। यह उपनाम भगवान के बचपन के खुशीयों और प्रिय यादों का संकेत होता है।

             कृष्ण कितने वर्ष जीवित रहे?--

     हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था और उनका वनवास और महाभारत की घटनाओं में भाग लिया था। उनकी जीवनकाल की अवधि की गणना विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में अलग-अलग तरीकों से की गई है।

     विभिन्न पौराणिक कथाओं और ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु की वय वर्षों तक बताई गई है। कुछ ग्रंथों में उनकी मृत्यु की वय 125 वर्ष तक बताई गई है, जबकि कुछ में यह 85 वर्ष तक दिखाया गया है। 125 वर्ष, 08 महीने और ' 07 दिन जीवित रहे। 9 ) मृत्यु तिथि : 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व । 10) जब कृष्ण 89 वर्ष के थे; मेगा युद्ध (कुरुक्षेत्र युद्ध हुआ । 11) कुरुक्षेत्र युद्ध के 36 साल बाद उनकी मृत्यु हो गई।

     यह विभिन्न पौराणिक कथाओं और ग्रंथों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन एक सामान्य अनुमान यह है कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवनकाल लगभग 100 वर्ष के आस-पास रहा होगा।

             जन्माष्टमी की शुरुआत कैसे हुई?--

     जन्माष्टमी की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के दिन के अवसर पर होती है। शुरुआत सबसे पहले गोकुल में हुई जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिसकी तिथि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि होती है।

     भगवान श्रीकृष्ण का जन्म गोकुल नामक गांव में हुआ था, जिसे यशोदा माता के घर में आवतार ग्रहण करने के लिए चुना गया था। उनका जन्म बृहस्पतिवार (गुरुवार) को हुआ था और यही तिथि हम जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवती यशोदा जी के घर में उनके आवतार की खुशी में उनकी पूजा, आराधना, भजन-कीर्तन, रासलीला आदि किये जाते हैं।

     यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी और प्रेम की यादों को मनाने का अवसर होता है और लोग उनके आदर्शों का पालन करते हुए इसे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाते हैं।

         श्री कृष्ण का जन्म कितने बजे हुआ था?--

     उन्हें बस एक तारीख चाहिए। और 21 जुलाई, 3228 ईसा पूर्व, बंसल के अनुसार, कृष्ण के जन्म के दौरान वर्णित हर शर्त को पूरा करता है। कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में, भाद्रपद के हिंदू महीने में, आधी रात को घटते चंद्रमा के 8वें दिन हुआ था ।

     भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। उनका जन्म रात्रि के समय हुआ था और उनका जन्मस्थल गोकुल नामक गांव में था। पारंपरिक रूप से मान्यता है कि श्रीकृष्ण का जन्म मिधन रात्रि के लगभग 12 बजे हुआ था। इस अवसर पर भगवान के प्रिय भक्त और साथी ने उनके आवतार की खुशी में भजन-कीर्तन किया और उनकी लीलाओं का स्मरण किया।

--Shiva
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अपबोर्ड.लाईव्ह)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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