श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-लेख-5

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 08:06:45 PM

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Atul Kaviraje

                                   "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है महत्त्वपूर्ण लेख.

          कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि कैसे करें (Krishna Janmashtami Pooja Vidhi)--

     कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि--

--निर्धारित समय
श्री कृष्ण का जन्म वसुदेव तथा देवकी के घर रात्री 12 बजे हुआ था. इसलिए पूरे भारत मे कृष्ण जन्म को रात्री मे ही 12 बजे मनाया जाता है.

--हर साल भादव मास की अष्टमी के दिन रात्रि मे 12 बजे हर मंदिर तथा घरो मे प्रतीक के रूप मे लोग श्री कृष्ण का जन्म  करते है.

--जन्म के बाद उनका दूध, दही तथा शुध्द जल से अभिषेक करते है, तथा माखन मिश्री, पंजरी तथा खीरा ककड़ी का भोग लगाते है.

--तत्पश्चात कृष्ण जी की आरती करते है, कुछ लोग खुशी मे रात भर भजन कीर्तन करते तथा नाचते गाते है.

--माखन मिश्री कृष्ण जी को बहुत प्रिय था. अपने बाल अवतार मे उन्होने इसी माखन के लिए कई गोपियो की मटकिया फोड़ी थी और कई घरो से माखन चुरा कर खाया था. इसलिए उन्हे माखन चोर भी कहा जाता है. और इसी लिए उन्हे माखन मिश्री का भोग मुख्य रूप से लगाया जाता है.

--कई जगह पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी की जाती है, इसमे एक मटकी मे माखन मिश्री भरकर इसे उची रस्सी पर बांध दिया जाता है और विभिन्न जगह से मंडलीया आकर इसे तोड्ने का प्रयास करती है और कृष्ण जन्म उत्सव मनाती है.

--कुछ लोग इस दिन पूरे दिन का व्रत/उपवास रखते है और कृष्ण जन्म के पश्चात भोजन गृहण करते है. इस दिन के व्रत/उपवास की विधि एकदम साधारण होती है कुछ लोग निराहार रहकर व्रत करते है, तो कुछ लोग फल खाकर व्रत करते है, तो कुछ लोग फरियाल खाकर व्रत/उपवास करते है क्योकि व्रत/उपवास के लिए कोई नियम नहीं है. श्रद्धालु अपनी इच्छा अनुसार व्रत/उपवास कर सकते है और श्री कृष्ण की भक्ति कर सकते है.

--यह बात हमेशा याद रखिए कि अगर आप व्रत/करने मे समर्थ नहीं है, तो व्रत/उपवास करना जरूरी नहीं है. आप अपने मन मे श्रद्धा रखकर भी पूजन करते है, तो माखन चोर कान्हा आप पर कृपा करते है. आपकी भक्ति स्वीकार करते है, और आपको अपना परम आशीर्वाद  देते है.

            कृष्ण जन्माष्टमी भोग कैसे बनाये (Krishna Janmashtami Bhog)--

     श्री कृष्ण जी भोग स्वरूप माखन मिश्री, खीरा ककड़ी, पंचामृत तथा पंजरी का भोग लगाया जाता है. ध्यान रखिए श्री कृष्ण को लगाया हुआ भोग बिना तुलसी पत्र के स्वीकार नहीं होता है. इसलिए जब भी आप कृष्ण जी को भोग लगाए, उसमे तुलसी पत्र डालना ना भूले. श्री कृष्ण जी के भोग मे बने पंचामृत मे दूध, दही, शक्कर, घी तथा शहद मिला रहता है, तथा भोग लगते वक़्त इसमे तुलसी पत्र मिलाये जाते है.

     श्री कृष्ण जी को जो पंजरी भोग मे लगाई जाती है वह भी साधारण पंजरी से अलग होती है. वैसे तो पंजरी आटे की बनती है, परंतु जो पंजरी कृष्ण जी को अर्पित करते है, उसे धनिये से बनाया जाता है. पंजरी बनाने के लिए पिसे हुये धनिये को थोड़ा सा घी डालकर सेका जाता है. और  इसमे पिसी  शक्कर मिलाई जाती है. लोग इसमे अपनी इच्छा अनुसार सूखे मेवे मिलाते है, कुछ लोग इसमे सोठ भी डालते है और फिर श्री कृष्ण को भोग लगाते है.

--By Karnika
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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