श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-लेख-6

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 08:08:42 PM

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Atul Kaviraje

                                    "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है महत्त्वपूर्ण लेख.

          जन्म अष्टमी का भारत मे उत्सव (How to Celebrate Janmashtmi)--

     वैसे तो पूरे भारत मे श्री कृष्ण जन्म उत्सव बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, परंतु गोकुल, मथुरा, वृन्दावन श्री कृष्ण की लीलाओ के प्रमुख स्थान थे. इसलिए यहा पर इस दिन का उल्लास देखने लायक होता है. मंदिरो मे पूजा अर्चना, मंत्रो उच्चार, भजन कीर्तन किए जाते है. इस दिन मंदिरो की साज सज्जा भी देखने लायक होती है. श्री कृष्ण के भक्त भी यही चाहते है, इस दिन कान्हा के दर्शन इन जगहो पर हो जाये.

     महाराष्ट्र के मुंबई तथा पुणे जन्माष्टमी पर अपने विशेष दही हांडी उत्सव को  लेकर मशहूर है. तथा यहा इस दिन होने वाली दही हांडी प्रतियोगिता मे दी गयी इनाम की राशी आकर्षण का केंद्र है. यह ईनाम की राशि ही है, जिसके कारण यहा पर दूर दूर से आई मंडलियों का उत्साह देखते ही बनता है. यहा पर बंधी दही की हांडी को फोड़ने के लिए मंडलीया कई दिनो से तैयारियो मे जुट जाती है, तथा कई लड़को का समूह इस दिन एक के उप्पर एक चढकर इसे फोड़ने का प्रयास करता है, तथा जो लड़का सबसे उप्पर होता है तथा दही की हांडी को फोड़ता है उसे गोविंदा कहकर पुकारा जाता है. जैसे ही गोविंदा दही हांडी फोड़ता है, उसमे भरा माखन सारी मंडली पर गिरता है और उस जगह एक अलग ही माहोल बन जाता है.

     गुजरात मे द्वारिका जहा कहा जाता है कि श्री कृष्ण ने अपना राज्य स्थापित किया था. वहा जन्माष्टमी का उत्सव वहा के मशहूर मंदिर मे विशेष पूजा अर्चना करके तथा दर्शन करके मनाया जाता है . तो जम्मू मे इस दिन पतंग उड़ाने का रिवाज है.

     उड़ीसा, पूरी तथा बंगाल मे इसदिन रात्री मे पूजा अर्चना की जाती है, तथा दूसरे दिन नन्द उत्सव मनाया जाता है. इस दिन लोग नाचते गाते तथा कीर्तन करते है. नन्द उत्सव के दिन यहा के लोग तरह तरह के पकवान बनाते है, तथा अपना वृत/उपवास तोड़ते है. वही दक्षिण मे इसे गोकुल अष्टमी नाम दिया गया है, तथा वहा भी इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है. इसी प्रकार सभी स्थानो की अपनी अलग पूजा अर्चना की विधिया है. परंतु अगर मध्य भारत की बात की जाए, तो वहा पर मध्य मे होने के कारण हर तरफ की प्रथाओ का अनुसरण किया जाता है, तथा कृष्ण जन्म, भजन कीर्तन, मंदिरो मे विशेष पूजन साज सज्जा तथा दही हांडी सारी प्रथाये अच्छी तरह से निभाई जाती है.

                  FAQ--

--Q : कृष्ण जन्माष्टमी कब हैं?
--Ans : भादव मास की अष्टमी कृष्ण पक्ष

--Q : भगवन कृष्ण के गुरु का नाम क्या हैं ?
--Ans : गुरु संदीपनी

--Q : भगवन कृष्ण का जन्म स्थान कहा हैं ?
--Ans : गोकुल

--Q : भगवन कृष्ण कहाँ बड़े हुये ?
--Ans : गोकुल

--Q : कृष्ण कहाँ के राजा थे ?
--Ans : द्वारका

--Q : भगवन कृष्ण के माता पिता का नाम क्या हैं ?
--Ans : वसुदेव देवकी

--Q : भगवान कृष्ण के बड़े भाई का नाम क्या हैं ?
--Ans : बलराम

--By Karnika
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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