दिन-विशेष-लेख-वायूसेना दिन (पाकिस्तान)-D

Started by Atul Kaviraje, September 07, 2023, 03:11:30 PM

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Atul Kaviraje

                                    "दिन-विशेष-लेख"
                              "वायूसेना दिन (पाकिस्तान)"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-07.09.2023-गुरुवार आहे.  0७ सप्टेंबर-हा दिवस "वायूसेना दिन (पाकिस्तान)" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

            जैकोबाबाद के पास पाकिस्तानी वायु सेना की दूसरी परियोजना--

     जैकोबाबाद सिंध का बलूचिस्तान से लगा हुआ सीमावर्ती ज़िला है और नसीराबाद से लगे बलूचिस्तान के ज़िले जाफ़राबाद की सीमा दक्षिण-पूर्व में जैकोबाबाद से लगती है. शाहबाज़ एयरबेस जैकोबाबाद में पाकिस्तान एयर फ़ोर्स का एक प्रमुख एयर बेस है. नौताल सिंध जैकोबाबाद से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर है.

     अफ़ग़ानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद जैकोबाबाद का एयर बेस अफ़ग़ानिस्तान में अल-क़ायदा और तालिबान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिकी वायु सेना के इस्तेमाल में रहा है.

     जैकोबाबाद की तरह, अफ़ग़ानिस्तान नौताल के भी उत्तर में स्थित है. जैकोबाबाद और नौताल के दक्षिण या दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में, पाकिस्तान की सीमा से लगे अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र या उनसे जुड़े अन्य क्षेत्र भी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित हैं.

             नौताल के पास और कौन से हवाई अड्डे मौजूद हैं?--

     जहां जैकोबाबाद का एयरबेस नौताल के बहुत क़रीब है, वहीं नौताल के पास सिबी ज़िले में भी एक हवाई अड्डा है. हालांकि अंग्रेज़ों के दौर में बना यह हवाई अड्डा बहुत बड़ा और आधुनिक नहीं है, लेकिन फिर भी सी-वन थर्टी विमानों के अलावा यह छोटे विमानों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.

            बलूचिस्तान में कौन-से एयरबेस अमेरिका के उपयोग में रहे हैं?--

     बलूचिस्तान में अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे हुए छह ज़िले हैं, जिनमें झोब, किला सैफुल्लाह, पशीन, किला अब्दुल्लाह, नोशकी और चाग़ी शामिल हैं. ये ज़िले अंग्रेज़ों के दौर में ब्रिटिश बलूचिस्तान का हिस्सा थे, जहां अंग्रेज़ों ने नाज़ी जर्मनी और पूर्व सोवियत संघ की किसी भी संभावित कार्रवाई को रोकने के लिए बहुत सारी छोटी-छोटी हवाई पट्टियां बनाई हुई थीं.

     हालांकि पाकिस्तान बनने के बाद झोब और चाग़ी ज़िले के दलबंदीन इलाक़ों में हवाई अड्डे बनाए गए.

     हालांकि ऐसी कोई ख़बर सामने नहीं आई कि अमेरिका ने इन क्षेत्रों में से किसी एयरपोर्ट का खुले तौर पर अफ़ग़ानिस्तान में हमलों के लिए उपयोग किया हो, लेकिन चाग़ी ज़िले से सटे खारन ज़िले में शम्सी एयर बेस के बारे में खुले तौर पर कहा गया था कि ये अमेरिका के उपयोग में रहा है. हालांकि सलाला चेक पोस्ट पर अमेरिकी हमले के बाद इस एयर बेस को अमेरिका ने ख़ाली कर दिया था.

     नौताल में वायु सेना की इस नई परियोजना का बलूचिस्तान के स्थानीय समाचार पत्रों में प्रचार कम होने के कारण, राजनीतिक पार्टियों की तरफ़ से इस बारे में अभी तक बहुत अधिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई हैं.

     हालांकि, राष्ट्रवादी पार्टी बलूचिस्तान नेशनल मूवमेंट ने इस परियोजना का विरोध किया है.

     पार्टी प्रमुख ख़लील बलोच की तरफ़ से जारी एक बयान में, इसे बलूचिस्तान में एक प्रमुख सैन्य योजना बताते हुए कहा गया है कि राज्य और उसके सैन्य प्रतिष्ठान बलूचिस्तान में अपने क़ब्ज़े को बढ़ाने और बलूच धरती को एक पूर्ण सैन्य छावनी में बदलने की नीति को तेज़ी से लागू कर रहे हैं.

--मोहम्मद काज़िम, आज़म ख़ान
--बीबीसी उर्दू डॉट कॉम
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                          (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-bbc.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-07.09.2023-गुरुवार.
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