दही हांडी-जानकारी-2

Started by Atul Kaviraje, September 07, 2023, 08:04:02 PM

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Atul Kaviraje

                                      "दही हांडी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०७.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "दही हांडी" है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व 6 सितंबर 2023 को है। कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको दही हांडी त्योहार कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये, पढते है दही हंडी पर महत्त्वपूर्ण जानकारी.

       दही हांडी के त्यौहार की जानकारी 2023-(Dahi Handi Festival date, Information)--

     दही हांडी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के समय मनाया जाने वाला एक अतिविख्यात उत्सव है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस अवसर पर पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है और उसके बाद दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है. दही हांडी के दौरान कई युवा एक साथ दल बना कर इसमें हिस्सा लेते हैं. इस उत्सव के दौरान एक ऊंचाई पर दही से भरी हांडी लगा दी जाती है, जिसे विभिन्न युवाओं के दल तोड़ने का प्रयास करते हैं. यह एक खेल के रूप में होता है, जिसके लिए इनाम भी दिए जाते हैं. दही हांडी आमतौर पर किसी वर्ष के अगस्त – सितम्बर के बीच में ही होती है. यहाँ पर इस उत्सव से सम्बंधित आवश्यक बातों का वर्णन किया जा रहा है.

          दही हांडी पर्व क्यों मनाते हैं (Why Dahi Handi is Celebrated)--

     बाल गोपाल के जन्म के उपलक्ष्य पर दही हांडी का पर्व बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण बचपन में दही, दूध, मक्खन आदि बहुत शौक़ से खाते थे. कृष्ण से बचाने के लिए उनकी माता यशोदा अक्सर दही हांडी को किसी ऊँचे स्थान पर रखती थीं, किन्तु बाल गोपाल वहाँ तक भी पहुंचने में सफ़ल हो जाते थे. इसके लिये उनके दोस्त उनकी मदद करते थे. इसी घटना की याद में सभी कृष्ण भक्त अपने दही हांडी का पर्व मनाते हैं.

           भारत में दही हांडी पर्व (Dahi Handi Festival in India)--

     पूरे भारत में दही हांडी पर्व बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. इस समय पूरे भारत के विभिन्न स्थानों को धार्मिक रूप से सजाया जाता है. इस्कोन संस्था द्वारा भी इस पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया जाता है. भारत के निम्न स्थानों पर यह एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है :

     महाराष्ट्र में इसकी रौनक सबसे अधिक देखने मिलती है. यहाँ पर पुणे, जूहू आदि स्थानों पर इस त्यौहार पर खूब रौनक रहती है. पुणे में इसे बहुत अच्छे से पूरे रीति रिवाज के साथ मनाया जाता है. इस पर्व में शामिल होने के लिए यहाँ के युवाओं का जोश देखते ही बनता है. युवाओं के कई दल एक के बाद एक इस दही हांड़ी को तोड़ने का प्रयत्न करते हैं. इस समय महाराष्ट्र के कई हिस्सों में 'गोविंदा आला रे' का शोर सुनाई देता है, जिसका अर्थ है भगवान् श्रीकृष्ण आ चुके हैं.

     श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा है. अतः मथुरा में यह पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. यहाँ पर देश भर से विभिन्न कृष्ण भक्त इकट्ठे होते हैं और श्रद्धा के साथ यह पर्व मनाते हैं. इस समय पूरे मथुरा को इस तरह से सजाया जाता है कि इसकी शोभा बहुत अधिक बढ़ जाती है. पूरा शहर पावन हो उठता है.

     वृन्दIवन भी श्री कृष्ण भक्तों के लिए एक बहुत पावन स्थल है. यहाँ पर श्रीकृष्ण की कई मंदिरें हैं. इन मंदिरों की तरफ़ से लगभग पूरे वृन्दावन में दही हांडी का पर्व आयोजित किया जाता है, ताकि लोगों को श्रीकृष्ण की लीलाओं का ध्यान रहे.

     इस तरह से यह भारत के कई क्षेत्रों में मनाया है.

--By-Ankita
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-07.09.2023-गुरुवार. 
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