पिठोरी अमावस्या-जानकारी-1

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2023, 11:20:52 AM

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Atul Kaviraje

                                    "पिठोरी अमावस्या"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "पिठोरी अमावस्या" है. भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023 को है, इसे पिठोरी या पिथौरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2023) भी कहते हैं. इस दिन आटे से मां दुर्गा सहित 64 देवियों की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है, मान्यता है इससे संतान को आरोग्य का वरदान मिलता है. ये व्रत सुहिगन करती हैं. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको पिठोरी अमावस्याकी बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये पढते है इस त्योहार की महत्त्वपूर्ण जानकारी.

            🙏पिठोरी अमावस्या - Pithori Amavasya--

     हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में पड़ने वाली अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। प्रत्येक माह में अमावस्या तिथि पड़ती है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है और विशेष महत्व भी होता है। पिठोरी अमावस्या पर पितृ तर्पण आदि धार्मिक कार्यों में कुश का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे कुश अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन महिलाएं मां दुर्गा की उपासना करती हैं और अपने पुत्रों की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं।

           पिठोरी अमावस्या व्रत की पूजा विधि ?--

❀ पिठोरी अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
❀ नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
❀ भगवान विष्णु और महादेव की विधि-विधान से पूजन अर्चन के साथ दान पुण्य करें।

              पिठोरी अमावस्या का महत्व--

❀ पिठोरी अमावस्या का व्रत करने से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है।
❀ जो माताएं इस व्रत को करती हैं उन्हें संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
❀ महिलाएं इस दिन मां दुर्गा सहित 64 देवियों की आटे से मूर्तियां बनाते हैं और पूजा-अर्चना करती हैं।

     मान्यता है कि पिठोरी अमावस्या का व्रत और पूजन केवल सुहागिन महिलाएं ही कर सकती हैं।

संबंधित अन्य नाम-कुश अमावस्या, पिठोरी अमावस्या
सुरुआत तिथि-भाद्रपद अमावस्या
उत्सव विधि-व्रत, पूजा, व्रत, पितरों का तर्पण, मां दुर्गा उपासना, भगवान विष्णु और महादेव की पूजन

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भक्तिभारत.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2023-गुरुवार.
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