पिठोरी अमावस्या-जानकारी-5

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2023, 11:26:02 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje


                                     "पिठोरी अमावस्या"
                                    ------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "पिठोरी अमावस्या" है. भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023 को है, इसे पिठोरी या पिथौरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2023) भी कहते हैं. इस दिन आटे से मां दुर्गा सहित 64 देवियों की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है, मान्यता है इससे संतान को आरोग्य का वरदान मिलता है. ये व्रत सुहिगन करती हैं. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको पिठोरी अमावस्याकी बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये पढते है इस त्योहार की महत्त्वपूर्ण जानकारी.

          पोलाला अमावस्या पूजा विधि (Polala Amavasya Puja Vidhi)--

इस दिन औरतें, जल्दी उठ घर की साफ़ सफाई करती है, पवित्र नदी में स्नान करती है.

पोलाला अमावस्या का व्रत विवाहिता औरतें, मुख्य रूप से माँ अपने बच्चों में लिखे रखती है.

इस व्रत को रखने से पोलेराम्मा उनके बच्चों की रक्षा करती है. मुख्य रूप से छोटी माता (Small pox) एवं बड़ी माता (Chicken pox) जैसी भयानक बीमारियों से उनकी रक्षा होती है. बरसात के समय वायरल और तरह तरह की बीमारियों बच्चों को जल्दी अपनी गिरफ्त में ले लेती है, इन बीमारियों से बचने के लिए ये व्रत रखते है.

इस दिन प्रसाद के रूप में थालिगालू प्रवंनाम (चावल के आते की सेवई को,नारियल के दूध के साथ बनाते है) एवं बिल्ला कुदुमुलू (चावल के आते की रोटी) को बनाया जाता है.

पोलेराम्मा की फोटो को पूजा वाले स्थान में रखते है, फिर विधि-विधान से इनकी पूजा की जाती है.

पोलेराम्मा के रूप में सुरन (एक तरह की सब्जी) की पूजा की जाती है.

पूजा के समय दुर्गा चालीसा को 108 बार पढ़ा जाता है.

रक्षा सूत्र को देवी के चरणों में चढ़ाया जाता है, फिर इसे माँ खुद को एवं अपने बच्चों को इसे बांधती है.

इस व्रत के दिन अगर आपका लड़का है, तो चना दाल और गुड़ को मिलाकर लड्डू बनाये जाते है, और फिर उसे प्रसाद के रूप में चढ़ाकर बच्चों को खिलाते है.

अगर लड़की होती है तो उड़द दाल के वडा बना कर चढ़ाया जाता है.

           पोलाला अमावस्या कथा (Polala Amavasya Katha)--

     एक बार एक औरत का बच्चा बहुत बीमार हो जाता है, उसको कोई भयानक बीमारी घेर लेती है. औरत बहुत गरीब होती, उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते है. लेकिन वह अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है, वो किसी भी तरह अपने बेटे को ठीक देखना चाहती है. एक दिन मंदिर में बैठी वह रो रही थी, तभी वहां से एक बूढ़ी औरत निकली उसने, उस औरत से रोने का कारण पुछा. तब उस औरत ने उस बूढ़ी अम्मा को सब बताया. उस बूढ़ी अम्मा ने उसे पोलाला अमावस्या के बारे में बताया. और पोलेराम्मा देवी एवं उनके व्रत के बारे में विस्तार से बताया.

     पोलाला अमावस्या अगले दिन ही थी, जिसे उस औरत ने पुरे विधि विधान से उस व्रत को रखा. मृत्युशैया में लेटा उसका बेटा, व्रत के अगले दिन ही झट खड़ा हो गया और इस तरह पोलेराम्मा के व्रत से उस औरत को उसका बच्चा मिल गया.

               FAQ--

--Q : पिठोरी अमावस्या क्या है ?
--Ans : भादों महीने की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है.

--Q : पिठोरी अमावस्या सन 2023 में कब है ?
--Ans : 15 सितंबर को

--Q : पिठोरी अमावस्या की तिथि क्या है ?
--Ans : 14 सितंबर को 4:51 से शुरू हो कर 15 सितंबर को 07:12 तक

--Q : पिठोरी अमावस्या को क्या किसी और नाम से भी जाना जाता है ?
--Ans : जी हां दक्षिण राज्यों में इसे पोलाला अमावस्या के नाम से जाना जाता है.

--Q : पिठोरी अमावस्या को किसकी पूजा की जाती है?
--Ans : देवी मां की पूजा की जाती है.

--By Anubhuti
----------------

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
                       ---------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2023-गुरुवार.
=========================================