पिठोरी अमावस्या-जानकारी-6

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2023, 11:28:51 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   "पिठोरी अमावस्या"
                                  ------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "पिठोरी अमावस्या" है. भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023 को है, इसे पिठोरी या पिथौरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2023) भी कहते हैं. इस दिन आटे से मां दुर्गा सहित 64 देवियों की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है, मान्यता है इससे संतान को आरोग्य का वरदान मिलता है. ये व्रत सुहिगन करती हैं. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको पिठोरी अमावस्याकी बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये पढते है इस त्योहार की महत्त्वपूर्ण जानकारी.

           जानिए पिठौरी अमावस्या की पूजा की सही विधि, महत्व और मुहूर्त--

     सभी दुखों का निवारण करने वाली पिठौरी अमावस्या  इस बार 14.09.2023-गुरुवार को है | ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी दुखों का निवारण हो जाता है | भाद्रपद मास की अमावस्या को ही पिठौरी अमावस्या कहा जाता है | इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है| इस दिन महिलाएं मां दुर्गा की उपासना करती है और पूरे विधि विधान से पूजा करके माता को प्रसन्न करने की कोशिश करती है | परंतु ज्योतिषियों का कहना है  कि यह अमावस्या भगवान कृष्ण को समर्पित होती है| इस दिन पितरो की तर्पण करने से पितु दोष  का प्रभाव  कम हो जाता है |  इस अमावस्या को पितु तर्पण एवं धार्मिक कार्यों में कुश का प्रयोग होता है | इसीलिए इस अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है |  पितु दोष होता है उनके जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होते हैं | इस तरह के व्यक्ति कितने भी मेहनत कर ले पर उनको सफलता कभी भी प्राप्त नहीं होती | स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी अधिकांश समय झेलनी पड़ती है | पितु दोष होने से कोई भी मांगलिक कार्य पूर्ण नहीं हो पाता है |

      ऐसे में संतान के विकास में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं वहीं घर में लगातार क्लेश बना रहता है | कार्यक्षेत्र में रुकावट से कई तरीके के समस्याएं झेलनी पड़ती है | नौकरी और व्यापार में बढ़ोतरी नहीं होती है | इसीलिए ऐसी मान्यता है कि यदि इन समस्याओं से छुटकारा पाना है तो यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है |

              पिठौरी अमावस्या का महत्व--

     इस दिन मां दुर्गा की आराधना करते हैं अमावस्या के तीन महिलाएं मां दुर्गा की आराधना करके मां को पसंद करती हैं | इस दिन पितु तर्पण करने से सभी दुखों से निजात मिल जाता है और घर में सुख शांति बनी रहती है | यह दिन भगवान कृष्ण को समर्पित होता है | बेटे की लंबी आयु के लिए इस दिन कामना की जाती है और इस दिन दान दक्षिणा करने का बेहद महत्व माना जाता है | ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दान करने से हमारे पूर्वज खुश होते है | अमावस्या के दिन ही किसी नदी पर जाकर पितु तर्पण करना चाहिए | और गरीब को खाना खिलाना चाहिए इससे बहुत खुश होंगे और घर में सुख शांति बनी रहेगी संतान सुख भी मिलेगा | कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी और हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी | बरसों से रुके हुए कार्यों मे वृद्धि होंगी | और कई दिनों से चल रही साथ समस्या से भी छुटकारा  मिलेगा और संतान का भी स्वाथ्य अच्छा रहेगा | हर मांगलिक कार्य पूर्ण होंगे और उसके ऊपर मिलेंगे  | व्यापार में भी वृद्धि होगी और नौकरी से जुड़ी समस्याओं से भी समाधान प्राप्त होगा |  यदि उस दिन पूजा पुरे विधि - विधान  से और पूरे मन से की जाती है तो उसका फल अवश्य प्राप्त होता है |

              पिठौरी अमावस्या पूजा की विधि--

     इस दिन जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में किसी भी नदी में स्नान करे | और जिस समय सूर्य देव का उदय होता है उस समय सूर्य देव को  जल का अर्घ्य दे |  और इस पितरो का कर्मकांड के साथ तर्पण करे |  पितरो की आत्मा की शांति के लिए व्रत भी करे और ब्राह्मण को भोजन अवश्य करवाए और गरीब को दान दे |  ब्राह्मण को भोजन करा कर उन्हें दान दक्षिणा अवश्य दें | इससे उनके आशीर्वाद से आप की पूजा संपूर्ण  होगी |

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-नेटएक्सप्लेनेशन्स.कॉम)
                     --------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2023-गुरुवार.
=========================================