बैल पोला-जानकारी-7

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2023, 05:57:19 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                        "बैल पोला"
                                       -----------

मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "बैल पोला" है.  छत्तीसगढ़ में तीजा पोला त्यौहार सदियों से बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में तीजा पोला त्यौहार 2023 में 14 सितम्बर दिन गुरुवार को है. पोला त्यौहार के दिन मवेशियों को ज्यादा तरह से बैल को बहुत ही अच्छे से सजाते है उसके बाद बिधि अनुसार उस बैल को पूजन करते है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको बैल पोला त्योहार की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है, इस त्योहार की महत्त्वपूर्ण जानकारी.

            महाराष्ट्र में Pola festival कैसे मनाते हैं?--

पोला पर्व के पहले दिन महाराष्ट्र के किसान अपने बैलों के मुंह और गले से रस्सी निकाल देते हैं.

इसके बाद बैलों को बेसन और हल्दी का लेप लगाया जाता है और फिर तेल से मालिश की जाती है.

ये सब करने के बाद हल्के गर्म पानी से उन्हें नहलाया जाता है. अगर पास में तालाब या नदी हो, तो वहां ले जाकर नहलाते हैं. नहीं तो घर पर ही पानी लेकर उन्हें नहाते हैं.

नहाने के बाद बैलों के सींग को कलर करते हैं और उन्हें काफी अच्छे से सजाते हैं.

अब उन्हें रंग-बिरंगे खूबसूरत कपड़े पहनाए जाते हैं. इन सबके अलावा फूलों की माला और अनेकों तरह से जेवर से उन्हें सजाया जाता है और साल भी ओढ़ाया जाता है.

इसके साथ-साथ परिवार के सभी सदस्य मिलकर नाच गाना भी करते हैं.

आज के दिन बैलों के पुराने रस्सी को बदलकर नए रस्सी पहनाए जाते हैं.

गांव के सारे लोग बैलों को सजाकर एक जगह पर इकट्ठा करते हैं, ताकि हर कोई हर किसी के बैल को देख सके.

इसके बाद सब अपने-अपने बैलों की पूजा करते हैं और ढोल नगाड़े के साथ जुलूस निकालते हैं.

पोला त्यौहार के दिन घरों में महिलाएं गुझिया, पूरन पोली जैसे अनेकों तरह के खाने की चीजें बनाती हैं.

             Pola festival में कैसे करते हैं पूजा?--

     पोला पर्व की पहली रात्रि को गर्भ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती हैं. यानी कि इसी दिन धान में दूध भरता है. इसी वजह से आज के दिन किसी को भी खेतों में नहीं जाने दिया जाता है.

     जब रात को गांव के सारे लोग सो जाते हैं, तब गांव के मुखिया और पंडित के अलावा कुछ अन्य सहयोगी आधी रात को गांव और गांव की सीमा क्षेत्र में मौजूद सभी मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं की विशेष पूजा करते हैं. रातभर ये प्रक्रिया चलती है.

     रात को की जाने वाली इस पूजा के प्रसाद को घर लाने की परंपरा नहीं है, बल्कि वहीं पर इसे खा लिया जाता है. कहते हैं कि अगर किसी की पत्नी गर्भवती रहती है, तो वो व्यक्ति इस पूजा में सम्मिलित नहीं हो सकता है.

               FAQ--

Ques पोला 2023 में कब है?
Ans – 14 सितंबर

Ques- पोला कब मनाया जाता है?
Ans- भाद्प्रद माह की अमावस्या को

Ques- पोला में किसकी पूजा की जाती है?
Ans- बैल एवं घोड़ों की

Ques- पोला त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
Ans – ये त्यौहार किसानों द्वारा मनाया जाता है. वे इस दिन कृषि में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले जानवर जैसे कि बैल को सम्मान देने उनकी पूजा करने के लिए इस दिन को मानते हैं.

                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-tfiपोस्ट.इन)
                          -----------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2023-गुरुवार.
=========================================